Edited By vasudha,Updated: 15 Oct, 2018 01:46 PM
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के राज्य की एलडीएफ सरकार के फैसले के खिलाफ विभिन्न हिंदू संगठन और अयप्पा श्रद्धालु जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं...
नेशनल डेस्क: केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के राज्य की एलडीएफ सरकार के फैसले के खिलाफ विभिन्न हिंदू संगठन और अयप्पा श्रद्धालु जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, भाजपा ने भी इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
भाजपा ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ राजधानी तिरुवनंतपुरम में मार्च निकाला। पार्टी के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पी श्रीधरन पिल्लै के नेतृत्व में पिछले पांच दिनों से चल रहे लंबे मार्च को आज केरल सचिवालय के सामने खत्म किया गया। यह राज्यव्यापी मार्च 10 अक्टूबर को पंडलम से शुरू किया गया था। बीजेपी ने राज्य की एलडीएफ सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करने को लेकर मोर्चा खोल रखा है। इस मार्च में राज्य के कई हिस्सों से लोग शामिल हुए हैं।
भाजपा का आरोप है कि केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जल्दबाजी में लागू कर हिंदुओं की भावनाओं के साथ खेल रही है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने के आदेश दिए थे। इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश नहीं करने के नियम को पिछले 800 सौ सालों से माना जा रहा था। सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक था।