दिल्ली में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण के लिए भाजपा की गंदी राजनीति जिम्मेदार : CM आतिशी

Edited By rajesh kumar,Updated: 20 Oct, 2024 06:28 PM

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दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण के लिए भाजपा की ‘‘गंदी राजनीति'' जिम्मेदार है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने लगी है।

नेशनल डेस्क: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण के लिए भाजपा की ‘‘गंदी राजनीति'' जिम्मेदार है। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने लगी है। इसके साथ ही विभिन्न स्थानों, विशेषकर कालिंदीकुंज में यमुना नदी की सतह पर जहरीले रासायनिक झाग की मोटी परतें देखी गईं। आतिशी ने आम आदमी पार्टी (आप) के शासन वाले पंजाब को क्लीन चिट देते हुए दिल्ली में खराब वायु गुणवत्ता के लिए भाजपा शासित हरियाणा में पराली जलाए जाने, डीजल बसों और ईंट भट्ठों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश से गाजियाबाद सीमा पर कौशांबी बस डिपो तक पहुंच रहीं हजारों डीजल बस तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ईंट भट्ठे और क्षेत्र में मौजूद ताप संयंत्र भी दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि दिल्ली में यमुना में दिखने वाले झाग इस नदी में छोड़े गए अशोधित औद्योगिक अपशिष्ट जल के कारण हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा बादशाहपुर, मुंगेशपुर और अन्य नालों के माध्यम से प्रतिदिन 165 एमजीडी औद्योगिक अशोधित अपशिष्ट जल यमुना में छोड़ता है, जबकि उत्तर प्रदेश द्वारा 65 एमजीडी दूषित पानी विभिन्न नालों के माध्यम से नदी में छोड़ा जाता है।

आतिशी ने कहा, ‘‘भाजपा की गंदी राजनीति दिल्ली में बढ़ते वायु और जल प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है, लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप' शहर के लोगों की मदद करने को प्रतिबद्ध है।'' उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि केंद्र सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में 2021 में पराली जलाए जाने की 71,300 घटनाओं के मुकाबले 2023 में ये घटनाएं कम होकर 36,600 रह गईं। आतिशी ने कहा, ‘‘इस साल भी, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में एक से 15 अक्टूबर के बीच पराली जलाने की घटनाओं में 27 प्रतिशत की कमी आई है, जो 2023 की 1105 घटनाओं से कम होकर 811 हो गई हैं।''

उन्होंने कहा कि इस बीच पिछले साल की तुलना में इस साल एक से 15 अक्टूबर के बीच हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं 341 से बढ़कर 417 हो गईं और उत्तर प्रदेश में यह संख्या 244 से बढ़कर 417 हो गई। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से भाजपा की गंदी राजनीति को दर्शाता है। अगर पंजाब सरकार पराली जलाना कम करा सकती है, तो हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ऐसा क्यों नहीं करा सकती?'' आतिशी ने कहा कि यमुना की सतह पर झाग की परत को कम करने के लिए सिलिकॉन आधारित ‘डिफोमर्स' का उपयोग रविवार रात से शुरू होगा।

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