Edited By Yaspal,Updated: 02 Sep, 2024 06:55 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यता अभियान की शुरूआत की। जेपी नड्डा ने पीएम मोदी को पहली सदस्यता की पर्ची दी। बीजेपी का देशभर में 10 करोड़ नए कार्यकर्ता बनाने का लक्ष्य है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यता अभियान की शुरूआत की। जेपी नड्डा ने पीएम मोदी को पहली सदस्यता की पर्ची दी। बीजेपी का देशभर में 10 करोड़ नए कार्यकर्ता बनाने का लक्ष्य है। जेपी नड्डा ने कहा कि हम सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री जी देश का प्रधानसेवक होने के नाते, 140 करोड़ देशवासियों के नेतृत्व करने के नाते प्रशासन की बारीकियों में दिन-रात व्यस्त रहते हैं। लेकिन उसके बावजूद भी हम सबके लिए वो आदर्श हैं। उन्होंने हमेशा इस बात को अपने आप में जीया है कि संगठन सर्वोपरि है और संगठन प्रथम है। संगठन को जब भी आवश्यकता पड़ी है, व्यस्ततम समय में भी वो पार्टी को आगे बढ़ाने की चिंता करते हैं। उन्होंने कहा कि जब अमित भाई शाह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तो उस समय उन्होंने सदस्यता अभियान को प्राथमिकता दी थी। उन्होंने कहा था कि हम संगठन के रास्ते बदलेंगे, संगठन के तरीके बदलेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जो कमल के निशान के साथ चलना चाहते हैं, उनका हम पार्टी में समावेश कर सकें।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारी पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी तो है ही, साथ ही सभी राजनीतिक दलों में एक प्रकार से अनूठी पार्टी है। आज भारत के 1,500 से अधिक राजनीतिक दलों में कोई भी दल लोकतांत्रिक तरीके से विश्वास और खुलेपन के साथ हर 6 साल के बाद अपने सदस्यता अभियान को नहीं करता है। ऐसा केवल और केवल भाजपा ही करती है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में कार्यकर्ता महज सदस्यता का एक अंक नहीं, बल्कि हमारे यहां कार्यकर्ता एक जीवंत इकाई, विचारधारा का वाहक, कार्य-संस्कृति का पोषक और हमारे कार्यकर्ता सरकार और संगठन के बीच में कड़ी का भी काम करते हैं, जो सरकार को हमेशा जनता के साथ जोड़कर रखता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सच्चाई को आज कोई नकार नहीं सकता कि नेताओं की कथनी और करनी में अंतर होने के कारण भारत की राजनीति और भारत के नेताओं पर से जनता का विश्वास कम हुआ है। भारत की राजनीति में इससे पहले नेताओं की कथनी और करनी में जो विश्वास का संकट पैदा हुआ था, उस विश्वसनीयता के संकट को किसी ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया है, तो वो हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। उन्होंने कहा कि 2014 में जब मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री बने, उस समय मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष था। जब हमारा चुनावी घोषणा पत्र बन रहा था, तो उस समय भी हमारे प्रधानमंत्री जी ने बार-बार ये कहा कि अध्यक्ष जी इस बात की सावधानी बरतिएगा कि चुनावी घोषणा पत्र में जो कुछ भी कहा जाए, उसका अक्षरशः पालन हम कर सकें।