Edited By Utsav Singh,Updated: 19 Oct, 2024 06:13 PM
ओडिशा के नुआपाड़ा से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 50 साल के व्यक्ति खाम सिंह माझी को गांववालों ने जिंदा जलाने की कोशिश की। जिसके बाद उसने किसी तरह से अपने परिवार के सहयोग से अपनी जान बचाई। आइए जानते है क्या है पूरा मामला...
ओडिशा : ओडिशा के नुआपाड़ा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां 50 वर्षीय खाम सिंह माझी को गांववालों ने जिंदा जलाने की कोशिश की। उन पर काला जादू करने का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद गांव के लोगों ने एक अनौपचारिक अदालत का आयोजन किया। इस अदालत में पंचों ने खाम सिंह को काला जादू करने का दोषी ठहराया। इससे पहले कि अदालत उन्हें कोई सजा देती, गांव के गुस्साए लोग उन्हें पकड़ लिया। खाम सिंह को पुआल की रस्सियों से बांध दिया गया और फिर उन पर आग लगा दी गई।
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परिवार के सहयोग से बची जान
आग से बुरी तरह झुलसते हुए खाम सिंह मदद के लिए इधर-उधर दौड़े, लेकिन कोई उनकी मदद को नहीं आया। अंततः, वह किसी तरह अपने परिवार के सहयोग से स्थानीय तालाब तक पहुंचे और वहां अपनी जान बचाई। उन्हें गंभीर चोटों के साथ सिनापल्ली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें जिला मुख्यालय अस्पताल में रेफर किया गया। पुलिस के अनुसार, यह घटना शुक्रवार देर शाम को पोर्टिपाड़ा गांव में हुई। मामले की संवेदनशीलता के कारण स्थानीय समुदाय में लोग गवाही देने से बच रहे हैं।
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माझी के बेटे का बयान
खाम सिंह के बेटे हेमलाल ने कहा कि ग्रामीणों ने एक बैठक बुलाई थी और उनके पिता को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। जब खाम सिंह ने इन आरोपों से इनकार किया, तो गांववालों ने उनकी पिटाई की और फिर उन्हें आग लगा दी। खरियार के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अरूप बेहरा ने कहा कि सिनापल्ली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब आरोपियों की तलाश कर रही है, जिनमें से कई गांव छोड़कर भाग चुके हैं। बेहरा ने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और हमले के कारण का पता लगाने के लिए पूरी जांच की जाएगी। इस प्रकार, यह घटना एक बार फिर समाज में काले जादू और अंधविश्वास के खिलाफ चेतावनी देती है।