राहुल गांधी की नागपुर रैली में बंटी कोरे कागज वाली 'लाल किताब', BJP ने उठाए गंभीर सवाल, कहा- नकली संविधान

Edited By Mahima,Updated: 07 Nov, 2024 12:26 PM

blank paper  red book  distributed in rahul gandhi s nagpur rally

राहुल गांधी की नागपुर रैली में कांग्रेस ने संविधान सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें 'लाल किताब' बांटी गई। बीजेपी ने आरोप लगाया कि यह किताब नकली थी, क्योंकि इसके पन्ने खाली थे, और इसे संविधान का अपमान बताया। कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को निराधार कहा,...

नेशनल डेस्क: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की नागपुर में आयोजित रैली को लेकर सियासी घमासान मच गया है। कांग्रेस ने नागपुर के सुरेश भट सभागार में संविधान सम्मान सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए। इस सम्मेलन में कांग्रेस ने संविधान की एक विशेष किताब, जिसे 'लाल किताब' नाम दिया गया, वितरित की। हालांकि, इस किताब को लेकर बीजेपी ने गंभीर आरोप लगाए हैं और इसे संविधान का अपमान करार दिया है। बीजेपी का दावा है कि इस किताब के भीतर कोई असली संविधान नहीं था, बल्कि यह सिर्फ एक खाली नोटपैड था। 

क्या था 'लाल किताब' में?
राहुल गांधी की रैली में जो किताबें बांटी गईं, उन किताबों का कवर डिजाइन भारतीय संविधान की प्रति से मिलता-जुलता था। इन किताबों के कवर पर 'Constitution of India' लिखा हुआ था। लेकिन जब किताबों को खोला गया तो सामने आया कि पहले पृष्ठ पर तो संविधान का प्राक्कथन (प्रींबल) लिखा था, लेकिन बाकी पृष्ठ पूरी तरह से खाली थे। यह किताब नोटपैड जैसी दिखती थी, जिसमें केवल खाली पन्ने थे। यह देख, बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भारतीय संविधान का अपमान है। बीजेपी ने यह सवाल उठाया कि जब इस किताब को संविधान का प्रतीक बताया जा रहा था, तो उसके अंदर के पन्ने क्यों खाली थे? बीजेपी के नेता इस पर तीखी आलोचना करते हुए कह रहे थे कि कांग्रेस संविधान को महज एक प्रतीक के रूप में इस्तेमाल कर रही है, जैसे किसी नोटपैड का उपयोग किया जाता है।

बीजेपी का आरोप: नकली संविधान
बीजेपी ने सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल किया और इसे संविधान का अपमान करार दिया। पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस रैली में एक खाली नोटपैड को संविधान के रूप में पेश किया और यह केवल एक राजनीतिक हथकंडा था, ताकि संविधान की महत्ता को कम किया जा सके। बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी इस तरह के प्रतीकों का इस्तेमाल कर चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रही है। बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा, "यह कांग्रेस का घटिया और धोखाधड़ी भरा कदम है। संविधान की महिमा को किसी तरह के झूठे प्रचार में इस्तेमाल किया जा रहा है। कांग्रेस ने इस तरह की घटिया राजनीति शुरू कर दी है, जो देश के संविधान का अपमान है।"

कांग्रेस का पलटवार: बीजेपी के आरोपों को बताया बेतुका
बीजेपी के आरोपों का कांग्रेस ने जोरदार पलटवार किया। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने बीजेपी के आरोपों को पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने संविधान सम्मेलन में लोगों को नोटपैड बांटे, ताकि वे संविधान पर अपने विचार लिख सकें। यही उद्देश्य था। क्या बीजेपी इतनी डरी हुई है कि वह अब इस तरह के बेतुके आरोप लगा रही है?" वडेट्टीवार ने आगे कहा, "राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी हमेशा से संविधान का सम्मान करती रही है, और हम भविष्य में भी संविधान की रक्षा के लिए काम करते रहेंगे। बीजेपी द्वारा फैलाई गई अफवाहें और फेक नैरेटिव से हम डरने वाले नहीं हैं।" वह कहते हैं, "कांग्रेस ने कभी भी संविधान के खिलाफ नहीं किया। बीजेपी जब-जब झूठ बोलती है, तब-तब संविधान और राहुल गांधी उनके झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे। यह केवल शुरुआत है।"

कांग्रेस का संविधान से जुड़ा संकल्प
राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने हमेशा संविधान की रक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है। राहुल गांधी ने कई बार संविधान को बचाने और उसकी गरिमा को बनाए रखने के लिए लड़ने की बात की है। यह घटना भी उसी कड़ी में एक हिस्सा है, जहां कांग्रेस पार्टी ने संविधान का सम्मान करने के उद्देश्य से यह सम्मेलन आयोजित किया था। कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान सम्मेलन में बांटे गए नोटपैड का उद्देश्य यह था कि लोग संविधान से जुड़ी अपनी विचारधारा और प्रतिक्रियाएं लिखें, न कि इसे किसी राजनीतिक निशाने के रूप में प्रस्तुत किया जाए। 

सियासी संग्राम: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले जुबानी जंग
इस घटना के बाद सियासी माहौल और भी गर्म हो गया है, खासकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के करीब आते ही। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही एक-दूसरे पर तीखे आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। बीजेपी ने इसे कांग्रेस की घटिया राजनीति और संविधान का अपमान बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे बीजेपी का एक झूठा और राजनीतिक हमलावर कदम बताया। राहुल गांधी की रैली में हुए इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। बीजेपी को इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी इस तरह के बेतुके आरोपों के जरिए संविधान के मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिश कर रही है। 

राहुल गांधी की नागपुर रैली में बंटी 'लाल किताब' को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी आरोप-प्रत्यारोप की एक नई लहर शुरू हो गई है। बीजेपी ने इसे संविधान का अपमान और कांग्रेस की गलत राजनीति करार दिया है, जबकि कांग्रेस ने इसे एक सामान्य नोटपैड बताया और बीजेपी के आरोपों को निराधार बताया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का राजनीतिक असर क्या होता है और आगामी विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियां इस मुद्दे को किस दिशा में लेकर जाती हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस का दावा है कि वे संविधान की महत्ता को हर हाल में बनाए रखेंगे, जबकि बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस इस प्रकार के प्रतीकों के जरिए अपनी राजनीति साधने की कोशिश कर रही है। आने वाले समय में यह राजनीतिक ड्रामा और भी दिलचस्प हो सकता है।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!