Edited By Mahima,Updated: 03 Sep, 2024 03:47 PM
सोशल मीडिया पर एक विवादित वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की एक मस्जिद में नमाजियों के बीच भयंकर मारपीट होते हुए देखी जा रही है। वीडियो में दो गुटों के बीच हिंसक झगड़े की तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें लोग बेल्ट,...
नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया पर एक विवादित वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की एक मस्जिद में नमाजियों के बीच भयंकर मारपीट होते हुए देखी जा रही है। वीडियो में दो गुटों के बीच हिंसक झगड़े की तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें लोग बेल्ट, लाठी-डंडे, और लात-मुक्कों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस झगड़े की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई लोगों के कपड़े तक फट गए हैं।
नमाज अदा कर रहे लोग अचानक आपस में भिड़े
यह घटना उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के पाकबड़ा थाना इलाके के उमरी सब्जीपुर गांव की एक बड़ी मस्जिद में शुक्रवार को हुई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि नमाज अदा कर रहे लोग अचानक आपस में भिड़ गए। झगड़े में शामिल लोग इतनी हिंसा में लिप्त हो गए कि बेल्ट और लाठी-डंडों का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इस मारपीट की पूरी घटना का वीडियो पौने तीन मिनट का है और इसे देखने से ऐसा लगता है जैसे किसी युद्ध का दृश्य हो।
घायलों के कपड़े आए फटे हुए नजर
मारपीट की इस घटना में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। वीडियो में घायलों की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि झगड़ा कितना भयंकर था। घायलों के कपड़े फटे हुए नजर आ रहे हैं, और स्थिति गंभीर दिख रही है। फिलहाल, इस झगड़े के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस मामले की जांच कर रही है ताकि इस हिंसा के कारणों का पता लगाया जा सके और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
पूरे देश का ध्यान किया आकर्षित
इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय बल्कि पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है और स्थिति की गंभीरता को लेकर चिंता जताई है। कुछ लोग इस घटना को साम्प्रदायिक तनाव का परिणाम मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे आंतरिक विवाद की समस्या समझ रहे हैं। यह घटना समाज में हिंसा और असामाजिक व्यवहार की गंभीरता को उजागर करती है। ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए समाज और प्रशासन को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। मस्जिद जैसे पवित्र स्थानों पर इस प्रकार की हिंसा की घटनाएं न केवल धार्मिक माहौल को प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज के ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाती हैं।