Edited By Mahima,Updated: 04 Mar, 2025 09:24 AM

2025 के बोर्ड परीक्षाएं शुरू होते ही कई राज्यों में पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी की घटनाएं सामने आई हैं। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र में पेपर लीक, गलती और धोखाधड़ी की घटनाओं ने शिक्षा प्रणाली पर सवाल...
नेशनल डेस्क: 2025 के बोर्ड एग्जाम की शुरुआत होते ही देशभर में पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ियों की घटनाएं सामने आने लगी हैं, जिससे शिक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र जैसे विभिन्न राज्यों में छात्रों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण परीक्षा व्यवस्था की सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं। आइए जानते हैं इन घटनाओं के बारे में विस्तार से:
हरियाणा में दो बार पेपर लीक
हरियाणा में बोर्ड परीक्षा के दौरान दो बड़े पेपर लीक मामले सामने आए। 27 फरवरी 2025 को नूंह जिले के पुनहाना स्थित एक सरकारी स्कूल में कक्षा 10वीं गणित विषय का पेपर लीक हो गया। जैसे ही पेपर लीक होने की जानकारी मिली, फरीदाबाद से एसटीएफ और फ्लाइंग स्क्वाड की टीमें तुरंत जांच के लिए पहुंची। जांच में दो छात्रों की मिलीभगत का पता चला। इसके बाद, 28 फरवरी को नूंह के टपकन गांव स्थित परीक्षा केंद्र से कक्षा 12वीं के अंग्रेजी पेपर के लीक होने की घटना सामने आई। इस मामले में पुलिस ने तीन छात्रों और दो सुपरवाइज़रों के खिलाफ केस दर्ज किया। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव अजय चोपड़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले में 5 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, और दो शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही बरतने के कारण हटा दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड पूरी तरह से विफल नहीं हुआ है और सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में व्हाट्सएप पर पेपर लीक
उत्तर प्रदेश में भी एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली। एटा जिले के चौधरी बीएल इंटर कॉलेज में कक्षा 10वीं के गणित पेपर का प्रश्नपत्र परीक्षा के शुरू होने के कुछ देर बाद ही व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज दिया गया। यह व्हाट्सएप ग्रुप 125 अधिकारियों से भरा हुआ था, जिसमें जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक और अन्य सरकारी अधिकारी शामिल थे। यह घटना शनिवार सुबह 9:37 बजे हुई, जिससे परीक्षा में गड़बड़ी फैल गई।
मध्य प्रदेश में झूठे पेपर लीक का दावा
मध्य प्रदेश के इंदौर में छात्रों से ठगी करने के लिए फर्जी पेपर लीक का दावा किया गया। कुछ ग्रुप्स ने टेलीग्राम पर 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक होने का दावा किया, ताकि छात्रों से पैसे ऐंठे जा सकें। इंदौर क्राइम ब्रांच ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू की और छात्रों को इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए चेतावनी दी। इस झूठे दावा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और क्राइम ब्रांच ने जल्द ही एक एडवाइजरी जारी करने का फैसला लिया है।
ओडिशा में पेपर में हुई गलती
ओडिशा बोर्ड की 10वीं साइंस परीक्षा के पेपर में एक बड़ी गलती सामने आई। 3,111 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई इस परीक्षा में छात्रों और शिक्षकों ने देखा कि साइंस पेपर के सेट-सी में चार अंकों का एक प्रश्न गायब था। इस पेपर का कुल अंक 100 की बजाय 96 था। हालांकि अन्य सेटों में पूरे अंकों के प्रश्न थे। ओडिशा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (BSE) के अध्यक्ष श्रीकांत तराई ने इस गलती को स्वीकार करते हुए कहा कि छात्रों के साथ किसी प्रकार का पक्षपाती व्यवहार नहीं किया जाएगा और उचित सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
मणिपुर में पेपर लीक का मामला
मणिपुर में कक्षा 10वीं (HSLC) बोर्ड परीक्षा के दौरान सामाजिक विज्ञान विषय के प्रश्न पत्र के लीक होने की घटना सामने आई। इस मामले में बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन मणिपुर (BOSEM) ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और जांच प्रक्रिया शुरू की। अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लिया और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की योजना बनाई।
झारखंड में पेपर लीक के बाद परीक्षा रद्द
झारखंड में भी 10वीं की हिंदी और साइंस परीक्षा के पेपर लीक होने की घटना सामने आई। यह घटनाएं 18 और 20 फरवरी को हुईं, जब कुछ देर बाद दोनों पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसके बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने दोनों पेपरों को रद्द कर दिया और छात्रों को नई परीक्षा तिथि का इंतजार करने के लिए कहा। इस मामले के बाद अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठकें कीं और जांच शुरू की।
महाराष्ट्र में पेपर लीक का मामला
महाराष्ट्र के जालना जिले में 10वीं के मराठी पेपर के लीक होने का मामला सामने आया। यह घटना 21 फरवरी को हुई, जब परीक्षा शुरू होने के कुछ समय बाद ही मराठी विषय का पेपर लीक हो गया और यह पेपर जल्दी ही जालना के सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) केंद्रों तक पहुंच गया। इस घटना ने राज्य के परीक्षा सुरक्षा तंत्र पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इन घटनाओं ने देशभर में परीक्षा सुरक्षा और शिक्षा प्रणाली की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। ऐसे मामलों में सुधार की जरूरत महसूस हो रही है ताकि छात्रों की मेहनत और परीक्षाओं का सही मूल्यांकन हो सके। छात्रों को भी सतर्क रहने और इस तरह की घटनाओं से बचने की आवश्यकता है।