Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Dec, 2024 05:27 PM
मुंबई के पास समंदर में हुए दर्दनाक नाव हादसे में मानवता और साहस का अनोखा उदाहरण देखने को मिला। हादसे में 98 लोग बच गए, जिनमें वैशाली अदकाने और उनका परिवार भी शामिल है। इस घटना का सबसे भावुक पल तब आया जब वैशाली के भाई ने डेढ़ साल के बच्चे शारविल को...
नेशनल डेस्क: मुंबई के पास समंदर में हुए दर्दनाक नाव हादसे में मानवता और साहस का अनोखा उदाहरण देखने को मिला। हादसे में 98 लोग बच गए, जिनमें वैशाली अदकाने और उनका परिवार भी शामिल है। इस घटना का सबसे भावुक पल तब आया जब वैशाली के भाई ने डेढ़ साल के बच्चे शारविल को बचाने के लिए समंदर में खुद को दांव पर लगा दिया। वह बच्चे को कंधे पर बिठाए आधे घंटे तक लहरों से जूझते रहे। समंदर के बीचोंबीच, फिल्म 'बाहुबली' जैसे दृश्य में, उन्होंने बच्चे को कंधे पर बैठाए रखा और लहरों से जूझते रहे।
वैशाली अदकाने ने बताया कि उनका परिवार एलिफेंटा केव्स से लौट रहा था। नाव पर 113 लोग सवार थे, जब नेवी की एक स्पीडबोट फेरी से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि सभी लोग नाव के फर्श पर गिर पड़े। ड्राइवर ने तुरंत सभी को लाइफ जैकेट पहनने को कहा, लेकिन थोड़ी देर बाद नाव झुकने लगी और डूब गई।
वैशाली के मुताबिक, "लाइफ जैकेट के बावजूद कई लोग नाव के नीचे फंस गए या बहाव में बह गए। मेरा भाई मेरे बेटे शारविल को कंधे पर बैठाए तैरता रहा। चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी था। हमें बचाने के लिए कोई सहायता 30 मिनट तक नहीं पहुंची। अगर 10 मिनट और देरी होती, तो शायद हम भी न बच पाते।"
उन्होंने यह भी बताया कि एक विदेशी कपल ने अदम्य साहस दिखाते हुए सात लोगों को डूबने से बचाया। वैशाली और उनका परिवार मुंबई के कुर्ला का रहने वाला है। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, दो घायल हुए, जबकि दो लोग अब भी लापता हैं।