Edited By Anu Malhotra,Updated: 21 Jun, 2024 03:36 PM
बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि पुणे पोर्श दुर्घटना का आरोपी किशोर भी सदमे में है और उसे कुछ समय दिया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ ने पुणे पुलिस के दृष्टिकोण की ओर इशारा करते हुए यह बात कही, जिस...
नेशनल डेस्क: बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि पुणे पोर्श दुर्घटना का आरोपी किशोर भी सदमे में है और उसे कुछ समय दिया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ ने पुणे पुलिस के दृष्टिकोण की ओर इशारा करते हुए यह बात कही, जिस तरह से नाबालिग को पहले जमानत दी गई और फिर बढ़ते सार्वजनिक दबाव के बीच अचानक उसे एक निरीक्षण गृह में डाल दिया गया।
बता दें कि अदालत लड़के की चाची की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसकी गिरफ्तारी के आधार पर उसकी रिहाई की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति भारती हरीश डांगरे और मंजूषा देशपांडे की पीठ ने मंगलवार के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।