Edited By Pardeep,Updated: 06 Jan, 2025 06:09 AM
BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
नेशनल डेस्कः BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और कुछ प्रदर्शनकारियों को पटना पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। साथ ही पटना पुलिस ने उस जगह को भी खाली करा लिया है, जहां प्रशांत किशोर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे। पुलिस टीम प्रशांत किशोर को एंबुलेंस से एम्स ले गई है। इसके अलावा, पुलिस ने गांधी मैदान से निकलने वाले वाहनों की भी जांच की।
सूत्रों के अनुसार, किशोर को पटना के गांधी मैदान से 'जबरन हटाया गया' और पुलिस ने एम्बुलेंस में एम्स ले जाया। बताया जा रहा है कि पुलिस की ये कार्रवाई सोमवार तड़के सुबह साढ़े तीन से चार बजे के बीच हुई जब पीके को गांधी मैदान से जबरन हटाया गया और एंबुलेंस से एम्स ले जाया गया।
समाचार एजेंसी द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में पटना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों के विरोध के बावजूद धरना स्थल से जबरन हटाते हुए देखा जा सकता है।
'मैं इतनी जल्दी बीमार नहीं...'
इससे पहले आमरण अनशन के बीच अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं को संबोधित करते हुए किशोर ने कहा, 'यह हमारे लिए निर्णय का विषय नहीं है कि हम इसे (विरोध) जारी रखेंगे या नहीं। हम जो अभी कर रहे हैं वही करते रहेंगे, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा...हम ( जन सुराज पार्टी (जन सुराज पार्टी) 7 तारीख को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। मैं इतनी जल्दी बीमार नहीं पड़ूंगा। मैं अभी ठीक हूं, सब मेरा गला थोड़ा-सा खराब है। डॉक्टरों ने मुझे सोने के लिए कहा है, कोई गंभीर बात नहीं है।
प्रशांत किशोर के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला
बिहार पुलिस ने पटना के गांधी मैदान में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अभ्यर्थियों को विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाने के आरोप में जन सुराज पार्टी (JSP) के प्रमुख प्रशांत किशोर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बीपीएससी की 13 दिसंबर को हुई परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने रविवार (29 दिसंबर) को पानी की बौछारें की और हल्का बल भी प्रयोग किया। साथ ही प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के अध्यक्ष समेत 600-700 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।