Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Dec, 2024 05:53 PM
राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक ब्रेन-डेड व्यक्ति के अंगों ने 6 लोगों की जिंदगी बचा ली है। इस घटना ने अंग दान के महत्व को और अधिक उजागर किया है।
नेशनल डेस्क: राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक ब्रेन-डेड व्यक्ति के अंगों ने 6 लोगों की जिंदगी बचा ली है। इस घटना ने अंग दान के महत्व को और अधिक उजागर किया है। झालावाड़ के मनपुरा पिपाजी गांव में 33 साल के विष्णु प्रसाद 10 दिसंबर को एक झगड़े के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 12 दिसंबर को डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन-डेड घोषित कर दिया। परिवार की सहमति से उनके अंगों का दान किया गया, जिससे छह लोगों की जिंदगी बचाई जा सकी।
हेलीकॉप्टर से भेजे गए अंग
विष्णु प्रसाद के अंगों को पहली बार हेलीकॉप्टर के जरिए जयपुर और जोधपुर भेजा गया। जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के अधीक्षक डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि विष्णु के शरीर से एक किडनी, दो फेफड़े और दिल जयपुर भेजे गए, जबकि एक अन्य किडनी और जिगर जोधपुर के एम्स अस्पताल भेजे गए। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में अंगों को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया। फिर हेलीकॉप्टर ने जोधपुर के लिए उड़ान भरी, जहां अंगों का प्रत्यारोपण किया गया।
छह लोगों को मिला नया जीवन
विष्णु प्रसाद के परिवार ने अपनी कठिन स्थिति में भी अंग दान के लिए सहमति दी, जिससे उनकी साहसिकता ने कई लोगों को जीवन का दूसरा मौका दिया। झलावाड़ मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जन डॉ. रामसेवक योगी के अनुसार, विष्णु प्रसाद को 11 दिसंबर को गंभीर चोटें आई थीं और मेडिकल कमेटी ने उन्हें ब्रेन-डेड घोषित कर दिया। इसके बाद जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ और अन्य डॉक्टरों की उपस्थिति में प्रसाद के पिता और पत्नी अनीता ने अंग दान के लिए अपनी सहमति दी।
इस पहल से यह साबित हुआ कि अंग दान के जरिए कई जीवन बचाए जा सकते हैं और यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है अंग प्रत्यारोपण की दिशा में। विष्णु प्रसाद के परिवार के साहसिक फैसले से छह लोगों को नया जीवन मिला और यह अंग दान की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ।