Edited By rajesh kumar,Updated: 07 Sep, 2024 01:49 PM
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता और कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर भी आरोप लगाए और पहलवानों के...
नेशनल डेस्क: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता और कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं पर भी आरोप लगाए और पहलवानों के उनके खिलाफ हुए विरोध को एक "राजनीतिक साजिश" बताया। उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट ने चीटिंग कर जूनियर खिलाड़ियों का हक मारा और एशियन गेम्स में गईं। भगवान ने उसी का उन्हें सजा दी है।
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चीटिंग कर गईं एशियन गेम्स
विनेश फोगाट पर तीखा हमला करते हुए बृजभूषण ने आरोप लगाया, "क्या ये सच नहीं है कि बजरंग बिना ट्रायल के एशियन गेम्स गए थे? क्या एक खिलाड़ी एक दिन में दो वजन कैटेगरी में ट्रायल दे सकता है? क्या पांच घंटे तक कुश्ती रोकी जा सकती है? विनेश फोगाट ने चीटिंग कर जूनियर खिलाड़ियों का हक मारा और एशियन गेम्स में गईं। भगवान ने उसी का उन्हें सजा दी है।"
बजरंग और विनेश बेटियों के गुनहगार
उन्होंने बातचीत के दौरान कहा, "मैं बेटियों का गुनहगार नहीं हूं, अगर बेटियों का कोई गुनहगार है तो वो बजरंग और विनेश हैं। जो स्क्रिप्ट लिखी भूपेंद्र हुड्डा ने, वो जिम्मेदार हैं। इन्होंने करीब पौने दो साल तक कुश्ती की गतिविधि को ठप कर दिया।''
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कांग्रेस की साजिश में शामिल थे पहलवान- बृजभूषण
बृजभूषण सिंह ने कहा, "लगभग दो साल पहले, 18 जनवरी को इन खिलाड़ियों ने एक साजिश शुरू की थी। मैंने पहले ही कहा था कि यह एक राजनीतिक साजिश है, जिसमें कांग्रेस, दीपेंद्र हुड्डा और भूपेंद्र हुड्डा शामिल थे। यह पहलवानों का आंदोलन नहीं था, और अब दो साल बाद यह साफ हो गया है कि कांग्रेस इस पूरे नाटक में शामिल थी।"
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विरोध का असर कुश्ती पर पड़ा- डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने भी विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने पर कहा, "यह तो होना ही था। पूरा देश जानता है कि यह विरोध कांग्रेस के इशारे पर हो रहा था। ओलंपिक वर्ष में 2 साल तक कुश्ती की कोई गतिविधि नहीं हुई, इसलिए हमें कम मेडल मिले।" बृजभूषण और डब्ल्यूएफआई के इस बयान ने एक बार फिर से पहलवानों के विरोध और कांग्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।