ब्रिटेन-भूटान ने UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का किया समर्थन

Edited By Tanuja,Updated: 28 Sep, 2024 03:46 PM

britain bhutan supported india s permanent membership in unsc

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया है। स्टॉर्मर से पहले अमेरिका और फ्रांस के नेताओं...

International Desk: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया है। स्टॉर्मर से पहले अमेरिका और फ्रांस के नेताओं ने UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था। न्यूयॉर्क (New York) में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में बृहस्पतिवार को अपने संबोधन के दौरान, स्टॉर्मर ने वैश्विक बहुपक्षीय प्रणाली को ‘‘अधिक उत्तरदायी'' बनाने के लिए सुनिश्चित सुधारों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यूएनएससी में भारत (India), जापान (Japan), ब्राजील (Brazil) और जर्मनी (Germany) को स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही निर्वाचित सदस्यों के लिए और अधिक सीटें बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह ऐसा निकाय हो जो कार्रवाई करने के लिए तैयार रहे, न कि ‘‘राजनीति की वजह से पंगु बना हो''। जुलाई के आम चुनावों के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में यूएनजीए में अपना पहला संबोधन देते हुए लेबर पार्टी के नेता ने ब्रिटेन के दृष्टिकोण में बदलाव की भी रूपरेखा तैयार की। इससे पहले, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी बुधवार को संयुक्त राष्ट्र को अधिक कुशल और प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाने के लिए UNSC  में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, ‘‘फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है। जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो देश जिनका प्रतिनिधित्व अफ्रीका तय करेगा।''

 

अमेरिका (US) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने भी UNSC के इस तरह के विस्तार के पक्ष में बयान दिया था। पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं, जिनके पास संयुक्त राष्ट्र के किसी भी ठोस प्रस्ताव को ‘वीटो' करने की शक्ति है। भारत सुरक्षा परिषद में लंबे समय से लंबित सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रयासों में सबसे आगे रहा है और इस बात पर जोर दिया है कि वह स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र निकाय में जगह पाने का सही हकदार है।

 

उधर, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने कहा कि भारत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति और ‘ग्लोबल साउथ' में अपने नेतृत्व के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है। तोबगे ने भूटान के सबसे कम विकसित देशों (LDC) की श्रेणी से बाहर निकलने के लिए भारत की ओर से मिले ‘समर्थन व मित्रता' को लेकर हार्दिक आभार जताया। तोबगे ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र को आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। सुरक्षा परिषद का मौजूदा स्वरूप अतीत की निशानी है। हमें ऐसी परिषद की आवश्यकता है जिसमें वर्तमान भू-राजनीतिक, आर्थिक परिदृश्य और सामाजिक वास्तविकताएं झलकती हों।''

 

उन्होंने कहा कि भूटान लंबे समय से 15 देशों वाली सुरक्षा परिषद में सुधार करने की पैरवी करता रहा है ताकि इसे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रभावी बनाया जा सके। तोबगे ने कहा कि हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य बनाने का भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति, जनसंख्या तथा ग्लोबल साउथ में नेतृत्व के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है।'' तोबगे ने जापान को भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया। फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका समेत सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों ने पुनर्गठित सुरक्षा परिषद में भारत को भी जगह देने का स्पष्ट रूप से समर्थन किया है।  

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