Edited By Parminder Kaur,Updated: 25 Oct, 2024 01:04 PM
अगर आप दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल या बीएस-4 डीजल कार चला रहे हैं, तो आज से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की आदत डाल लें। परिवहन विभाग जल्द ही इन कारों पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है।
नेशनल डेस्क. अगर आप दिल्ली में बीएस-3 पेट्रोल या बीएस-4 डीजल कार चला रहे हैं, तो आज से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की आदत डाल लें। परिवहन विभाग जल्द ही इन कारों पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है।
क्या है नया नियम?
ग्रैप-3 के नियम लागू होते ही बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। यदि कोई वाहन चलते पाया गया, तो उसके मालिक पर 20,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। दिल्ली में वर्तमान में बीएस-3 के 2,07,038 पेट्रोल वाहन और बीएस-4 के 3,09,225 डीजल वाहन पंजीकृत हैं।
प्रदूषण की बढ़ती समस्या
दिल्ली में लगभग पांच लाख कारें पंजीकृत हैं, जिनका उपयोग लोग दिल्ली और एनसीआर में करते हैं। इन वाहनों पर प्रतिबंध का एक बड़ा कारण दिल्ली में प्रदूषण का बढ़ता स्तर है, जो वाहनों के कारण करीब 40 प्रतिशत है। राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली और एनसीआर में इलेक्ट्रिक और सीएनजी से चलने वाले सार्वजनिक वाहनों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा एक नवंबर से केवल बीएस-6 श्रेणी की बसें ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगी।
बीएस मानक क्या है?
बीएस (भारत स्टेज) मानक भारत सरकार द्वारा स्थापित उत्सर्जन मानक हैं, जो मोटर वाहनों के इंजनों द्वारा उत्सर्जित वायु प्रदूषकों की मात्रा का निर्धारण करते हैं। ये मानक पर्यावरण और वन मंत्रालय तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तय किए जाते हैं। बीएस मानकों को पहली बार 2000 में लागू किया गया था और तब से इन्हें लगातार सख्त किया जा रहा है।
कौन-कौन से वाहन प्रभावित होंगे?
बीएस-3 पेट्रोल वाहन वे हैं, जो एक अप्रैल 2010 से पहले के हैं, जबकि बीएस-4 डीजल वाहन एक अप्रैल 2020 से पहले के पंजीकृत हैं। इस प्रतिबंध से आपातकालीन सेवाएं और सरकारी कार्यों में लगे वाहन प्रभावित नहीं होंगे। परिवहन विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कार्रवाई के लिए 114 टीमें तैनात की हैं।