Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 Apr, 2025 08:42 PM
भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के माहौल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक भारतीय BSF जवान गलती से पाकिस्तान की सीमा में चला गया, जिसे पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया।
नेशनल डेस्क: भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के माहौल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक भारतीय BSF जवान गलती से पाकिस्तान की सीमा में चला गया, जिसे पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया। यह घटना ऐसे वक्त में सामने आई है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पहले से ही सख्त रुख अपना चुका है। अब सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान उस जवान को बंदी बना सकता है? या फिर उसे वापस करना उसकी मजबूरी है?
विंग कमांडर अभिनंदन वाला नियम अब फिर लागू होगा
इस पूरे मामले में सबसे अहम बात यह है कि पाकिस्तान भी जिनेवा कन्वेंशन का हस्ताक्षरकर्ता है। यह वही नियम है जिसकी वजह से पाकिस्तान को 2019 में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को लौटाना पड़ा था। पुलवामा हमले के बाद जब भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी, उसके अगले ही दिन अभिनंदन का मिग-21 पाकिस्तान में गिर गया था और उन्हें पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था। लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव और जिनेवा कन्वेंशन के तहत पाकिस्तान को उन्हें कुछ ही दिनों में भारत को सौंपना पड़ा था।
क्यों मजबूर है पाकिस्तान BSF जवान को लौटाने के लिए?
जिनेवा कन्वेंशन के नियम युद्धबंदियों यानी प्रिजनर्स ऑफ वॉर (POW) को मानवीय अधिकार देते हैं। इसके तहत—
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किसी भी सैनिक को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।
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उसके साथ अधिकारी जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए।
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सैनिक को बिना वजह रोका या अपमानित नहीं किया जा सकता।
चूंकि पाकिस्तान इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुका है, इसलिए इन नियमों को न मानना उसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का कारण बन सकता है। अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो भारत सहित कई देश इस पर सख्त प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
क्या है जिनेवा कन्वेंशन और इसका असर?
जिनेवा कन्वेंशन एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जो युद्ध के समय मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए बनाया गया था। इसमें युद्धबंदियों, घायल सैनिकों और आम नागरिकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इसके नियम तय किए गए हैं।
यही कारण है कि अब जब BSF जवान गलती से बॉर्डर पार कर गया है, तो पाकिस्तान को उन्हें बिना शर्त वापस करना होगा।
बातचीत से हल होगा मामला
बीएसएफ और पाकिस्तानी फ्लैग रेंजर्स के बीच बातचीत शुरू हो चुकी है। यह उम्मीद की जा रही है कि शांति और कूटनीति के जरिए यह मामला सुलझा लिया जाएगा। पाकिस्तान को अगर अंतरराष्ट्रीय कानूनों की परवाह है तो उसे यह कदम उठाना ही पड़ेगा।