मायावती ने विधानसभा चुनाव को लेकर BJP और कांग्रेस पर कसा तंज, कहा- लोगों को रेवड़ी नहीं, रोजगार चाहिए

Edited By Parminder Kaur,Updated: 04 Nov, 2024 03:52 PM

bsp chief mayawati slams bjp congress over maharashtra jharkhand elections

महाराष्ट्र और झारखंड में इस समय विधानसभा चुनाव का माहौल काफी गर्माया हुआ है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं और लोगों के कई तरह के वादे कर रही हैं। इसी बीच बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर महाराष्ट्र और झारखंड...

नेशनल डेस्क. महाराष्ट्र और झारखंड में इस समय विधानसभा चुनाव का माहौल काफी गर्माया हुआ है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं और लोगों के कई तरह के वादे कर रही हैं। इसी बीच बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में मिथ्या प्रचार और वादों की भरमार लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां चुनाव के समय लुभावने वादों में व्यस्त हैं, जबकि लोगों को जीवन की समस्याओं से राहत चाहिए, न कि मुफ्त में चीजें।


मायावती ने कहा- लोगों की यह मांग बिलकुल सही है कि उन्हें रोजगार की आवश्यकता है, न कि रेवड़ियों की। देश में फैली हुई गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से करोड़ों लोग परेशान हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप लगाने में लगे हुए हैं। भाजपा जुगाड़ की राजनीति कर रही है और यूपी समेत अन्य भाजपा शासित राज्यों में ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस की सरकारों की जनता से वादाखिलाफी भी स्पष्ट है, जैसे कि हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में हुआ।


उन्होंने आगे कहा- राजनीतिक पार्टियां कर्म को धर्म नहीं मान रही हैं, बल्कि चुनावी वादाखिलाफियों से ध्यान भटकाने के लिए धर्म के कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि वे चुनावी मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। उनकी पार्टी चुनाव में जनता को गुमराह करने वाला कोई घोषणा पत्र जारी नहीं करती। बसपा गरीबों और बेरोजगारों के प्रति ईमानदारी से काम करती है और जब भी सरकार बनती है, ऐतिहासिक और बेमिसाल कार्य करती है। यूपी में उनकी चार बार की सरकार इस बात का प्रमाण है।

गरीब बच्चों की शिक्षा पर चिंता

मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले की कड़ी आलोचना की है, जिसमें 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दिया गया और उन्हें अन्य स्कूलों में विलय करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने सवाल उठाया, "आखिर गरीबों के बच्चे कहां और कैसे पढ़ेंगे?"

स्कूलों की स्थिति

अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए मायावती ने कहा कि स्कूलों में सुधार करने के बजाय उन्हें बंद किया जा रहा है, जो कि ठीक नहीं है। उन्होंने उल्लेख किया कि यूपी सरकार द्वारा 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का फैसला उचित नहीं है। यूपी और देश के अन्य राज्यों में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की स्थिति बेहद खराब है, जिसके कारण करोड़ों गरीब बच्चे सही शिक्षा से भी वंचित हैं। उन्होंने ओडिशा सरकार के फैसले को भी अनुचित बताया, जो कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद कर रही है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!