Edited By Mahima,Updated: 29 Jan, 2025 12:59 PM
बजट 2025 में महिलाओं के लिए रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य योजनाओं में वृद्धि की उम्मीद है। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की कई योजनाएं जैसे ‘मिशन शक्ति’, ‘मातृ वंदना योजना’, और ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ पहले ही कार्यरत हैं, और इन योजनाओं के लिए अधिक...
नेशनल डेस्क: भारत में महिलाओं का योगदान अब केवल घर और परिवार तक सीमित नहीं है। वे आज विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं—चाहे वह बड़े कॉर्पोरेट में उच्च पदों पर कार्यरत हो, अपने खुद के बिजनेस चला रही हो या नौकरीपेशा हो। देश में करोड़ों महिलाएं रोजगार की तलाश में भी हैं। इसके बावजूद महिला संगठनों और सिविल सोसाइटी का मानना है कि बजट में महिलाओं के लिए रोजगार से जुड़े इंवेंटिव्स को और बढ़ाना चाहिए। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, जिनमें रोजगार के अवसरों में वृद्धि, महिलाओं के लिए बेहतर कार्य स्थितियां और वित्तीय सहायता जैसी योजनाएं शामिल हैं। बजट 2025 में भी महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। इस बार खासतौर पर महिला कार्यबल में भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिए जाने की संभावना है।
बजट 2025 में महिलाओं के लिए क्या उम्मीदें हैं?
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए पिछले बजट में 3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। इस बार भी इसी आवंटन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। महाराष्ट्र में ग्रामीण महिलाओं के साथ काम करने वाले संगठन प्रभु नायडू प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर ऋत्विका नायडू ने कहा कि बजट में रोजगार से जुड़े इंवेंटिव्स और फ्लेक्सिबल वर्क पॉलिसी के जरिए महिला श्रमबल की भागीदारी को बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए। इसके अलावा वर्क साइट क्रेच, बेहतर सार्वजनिक परिवहन और समान वेतन जैसी सुविधाएं महिलाओं के लिए सहायक साबित हो सकती हैं। महिला संगठनों का मानना है कि कार्यस्थल पर इन सुविधाओं को लागू कर महिलाओं को अधिक रोजगार के अवसर मिल सकते हैं, जिससे उनका आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण संभव होगा।
महिला श्रम बल भागीदारी दर का हाल
2023 तक भारत में महिला श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 32.7% थी, जो कि महिला श्रमिकों का प्रतिशत है, जो आर्थिक रूप से सक्रिय हैं। इसका मतलब है कि महिला श्रमिकों की संख्या और उनके रोजगार की गुणवत्ता में सुधार की बहुत आवश्यकता है। संगठन इस बात पर जोर दे रहे हैं कि महिलाओं के लिए उपलब्ध नौकरियों की गुणवत्ता और कौशल बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
महिला सशक्तिकरण के लिए पहले से चल रही योजनाएं
भारत सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाएं चला रही है, जैसे 'मिशन शक्ति', 'मातृ वंदना योजना', और 'जननी सुरक्षा योजना', जो महिलाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए बनाई गई हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री जन धन योजना और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसी योजनाएं भी महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद कर रही हैं। ‘मिशन शक्ति’ योजना महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण प्रदान करने के लिए बनाई गई है। वहीं, ‘मातृ वंदना योजना’ और ‘जननी सुरक्षा योजना’ महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देती हैं, खासतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए। इन योजनाओं के तहत महिलाओं को प्रसव के दौरान आर्थिक सहायता और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और 'लखपति दीदी' योजना
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी योजना है, जिसके तहत बिना किसी कोलेटरल (संपत्ति) के 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। इससे महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने का अवसर मिलता है। इसी तरह, 'लखपति दीदी' योजना जैसे कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय क्षेत्र में सशक्त बना रहे हैं और उन्हें अपनी आय बढ़ाने के अवसर प्रदान कर रहे हैं।
बजट में महिलाओं के लिए और क्या हो सकता है?
इस बार के बजट में महिलाओं के लिए विशेष ध्यान दिया जा सकता है। महिला कार्यबल को बढ़ावा देने के लिए सरकार को फ्लेक्सिबल वर्क पॉलिसी और कार्यस्थल पर क्रेच जैसी सुविधाओं का विस्तार करने की जरूरत है। इसके अलावा, समान वेतन नीति पर और ध्यान दिया जा सकता है ताकि महिलाओं को पुरुषों के बराबर वेतन मिल सके। सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं के लिए सुरक्षा बढ़ाना और रोजगार के अवसरों में समानता सुनिश्चित करना भी प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं। नीरा नंदी, जो दसरा इंडिया की को-फाउंडर और पार्टनर हैं, ने कहा कि बजट में अनुकूल पॉलिसी और बढ़ाए गए टैक्स इंसेंटिव्स के जरिए घरेलू पूंजी को अनलॉक किया जा सकता है, जिससे महिलाओं को व्यापार और अन्य वित्तीय अवसरों में अधिक सहायता मिलेगी। आगामी बजट में महिलाओं के लिए रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा योजनाओं के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की संभावना है। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की योजनाओं में और सुधार होने की उम्मीद है, जो महिलाओं को अपने अधिकारों, अवसरों और आर्थिक स्थिति में सुधार करने का मौका देगा।