Edited By Rahul Singh,Updated: 01 Feb, 2025 05:15 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से छह नई योजनाओं की घोषणा की तथा सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से ऋण प्राप्त करने की सीमा को तीन लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया।
नैशनल डैस्क : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से छह नई योजनाओं की घोषणा की तथा सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से ऋण प्राप्त करने की सीमा को तीन लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि उनका लक्ष्य, देशभर में रोजगार से लेकर फसल उत्पादकता बढ़ाने तक, हर चीज को बढ़ावा देना है। संसद में अपना आठवां बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कृषि को ‘विकास का पहला इंजन' बताया और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का प्रस्ताव किया। यह सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य कम उत्पादकता, कम फसल लेने वाले क्षेत्र (जिन स्थानों पर दो या तीन की जगह कम या केवल एक ही फसल ली जाती हो) और ऋण लेने के औसत मापदंडों से कम ऋण लेने वाले 100 कृषि-जिलों को लक्षित करना है। राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में लागू की जाने वाली इस योजना से कृषि उत्पादकता बढ़ने, फसल विविधीकरण और कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे में सुधार के जरिये 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
ग्रामीण समृद्धि और मजबूती कार्यक्रम
ग्रामीण बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार एक व्यापक ‘ग्रामीण समृद्धि और मजबूती' कार्यक्रम लागू करेगी। सीतारमण ने कहा, ‘‘इनका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना है ताकि पलायन एक विकल्प रहे, लेकिन अनिवार्यता न होने पाये।'' यह कार्यक्रम विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर केंद्रित होगा। दलहनों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़े कदम के रूप में छह साल का मिशन अरहर, उड़द और मसूर उत्पादन को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा। इस पहल के तहत, सहकारी संस्थाएं नेफेड और एनसीसीएफ इन एजेंसियों के साथ समझौते करने वाले पंजीकृत किसानों से चार साल तक दालों की खरीद करेंगी।
मखाना बोर्ड की स्थापना
बिहार के मखाना क्षेत्र के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में सुधार के लिए एक समर्पित मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। बोर्ड किसानों को एफपीओ में संगठित करेगा और सरकारी योजना के लाभ तक पहुंच सुनिश्चित करते हुए प्रशिक्षण सहायता प्रदान करेगा।
केसीसी से मिलेगा ज्यादा कर्ज
वित्त मंत्री ने केसीसी लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की, 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए सब्सिडी वाले अल्पकालिक ऋण की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया।
नया रिसर्च इकोसिस्टम
एक नया रिसर्च इकोसिस्टम मिशन, अधिक उपज, कीट-प्रतिरोधी और प्रतिकूल जलवायु-सहिष्णु बीजों को विकसित करने और प्रचारित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें जुलाई, 2024 से शुरू की गई 100 से अधिक बीज किस्मों को व्यावसायिक रूप से जारी करने की योजना है।
पांच वर्षीय कपास मिशन
इसके अतिरिक्त, एक पांच वर्षीय कपास मिशन उत्पादकता में सुधार और ‘एक्स्ट्रा-लांग स्टेपल' कपास किस्मों को बढ़ावा देने पर काम करेगा, जो कपड़ा क्षेत्र के लिए भारत के एकीकृत 5-एफ दृष्टिकोण का समर्थन करेगा। मछली और जलीय कृषि में दूसरे सबसे बड़े वैश्विक उत्पादक के रूप में भारत की स्थिति को मान्यता देते हुए 60,000 करोड़ रुपये के समुद्री खाद्य निर्यात के साथ सरकार भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र और दूर समुद्र में स्थायी मछली पकड़ने के लिए एक रूपरेखा पेश करेगी और इसके लिए विशेष रूप से अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह पर ध्यान केंद्रित करेगी।
असम में लगेगा यूरिया प्लांट
अन्य घोषणाओं में असम के नामरूप में एक नए यूरिया संयंत्र की योजना भी शामिल है, जिसकी वार्षिक क्षमता 12.7 लाख टन है। इसके अलावा सहकारी क्षेत्र के ऋण संचालन के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को समर्थन बढ़ाने की घोषणा की गई है। बागवानी क्षेत्र में, बढ़ती आय के कारण से प्रेरित बढ़ती खपत पद्धति को ध्यान में रखते हुए, सब्जियां, फल और श्री अन्न उगाने वाले किसानों के लिए उत्पादन, कुशल आपूर्ति श्रृंखला, प्रसंस्करण और लाभकारी कीमतों को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम लागू किया जाएगा। इस पहल को राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जाएगा, जिसमें उचित संस्थागत तंत्र के माध्यम से किसान-उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों को शामिल किया जाएगा। बजट पर टिप्पणी करते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह एक दूरदर्शी बजट है, जिसमें समाज के हर वर्ग के साथ-साथ हर क्षेत्र का ध्यान रखा गया है। बजट में कृषि और किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। चौहान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इसमें विश्वास की खुशबू है, विकास की तड़प है और विकसित भारत के निर्माण की बैचैनी है।'' उन्होंने कहा कि बजट का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।