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Budget 2025: कौन था वह शख्स जिसने पेश किया था भारत का पहला बजट ? जानें पूरी कहानी

Edited By Mahima,Updated: 01 Feb, 2025 09:12 AM

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भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को जेम्स विल्सन द्वारा लंदन में पेश किया गया। यह बजट 1857 के विद्रोह के बाद हुए नुकसान की भरपाई के लिए था। आजादी के बाद का पहला बजट 26 नवम्बर 1947 को पेश किया गया, जिसे सर आरके शानमुगम चेट्टी ने प्रस्तुत किया। यह बजट...

नेशनल डेस्क: आजादी के बाद हर साल पेश होने वाला भारतीय बजट आज एक महत्वपूर्ण वित्तीय परंपरा बन चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया था? भारत का पहला बजट आजादी से पहले, ब्रिटिश शासन में पेश किया गया था। यह 7 अप्रैल 1860 को, स्कॉटलैंड के अधिकारी जेम्स विल्सन द्वारा ब्रिटिश क्राउन के समक्ष लंदन में प्रस्तुत किया गया था। इस बजट के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कई अहम कदम उठाए गए थे। इस लेख में हम भारत के पहले बजट और इसके पीछे की दिलचस्प कहानी पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

प्रसिद्ध पत्रिका The Economist के संस्थापक
भारत के पहले बजट को पेश करने का श्रेय जेम्स विल्सन को जाता है। जेम्स विल्सन स्कॉटलैंड के एक प्रमुख अर्थशास्त्री, व्यवसायी और राजनीतिज्ञ थे। वह स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और प्रसिद्ध पत्रिका The Economist के संस्थापक भी थे। 1859 में, उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत के वित्तीय मामलों का प्रभार सौंपा गया था। उन्होंने भारतीय वित्त मंत्रालय में अपनी जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से लिया और भारत में कर व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए। उनके योगदान से ही भारतीय वित्तीय ढांचे की नींव रखी गई। 

क्यों आई बजट पेश करने की आवश्यकता
भारत में बजट पेश करने की परंपरा की शुरुआत एक खास घटना से जुड़ी हुई है। 1857 में हुआ सैन्य विद्रोह ब्रिटिश साम्राज्य के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हुआ था। इस विद्रोह ने अंग्रेजों के खिलाफ व्यापक असंतोष को जन्म दिया था और इसके परिणामस्वरूप ब्रिटिश शासन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार को यह एहसास हुआ कि उन्हें भारत में आर्थिक संकटों का सामना करने के लिए एक सुदृढ़ वित्तीय व्यवस्था की आवश्यकता है। इसके अलावा, विद्रोह के बाद भारतीय उपमहाद्वीप में सैन्य खर्च और प्रशासनिक खर्चे बहुत बढ़ गए थे। इन बढ़े हुए खर्चों की भरपाई के लिए ब्रिटिश क्राउन को एक नई कर व्यवस्था स्थापित करने की जरूरत महसूस हुई। इस उद्देश्य से, जेम्स विल्सन ने 7 अप्रैल 1860 को भारतीय बजट को ब्रिटिश क्राउन के समक्ष प्रस्तुत किया। यह भारत का पहला बजट था और इसके साथ ही भारतीय कर व्यवस्था की नींव रखी गई।

कैसे हुई भारत में कर व्यवस्था की शुरुआत
इस बजट में, जेम्स विल्सन ने भारतीय उपमहाद्वीप में एक नए कर ढांचे की शुरुआत की। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खर्चों को पूरा करने के लिए कई नई कर नीतियाँ पेश कीं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण था आयकर (Income Tax) प्रणाली की शुरुआत। यह भारत में पहली बार था जब आयकर जैसी व्यवस्था लागू की गई थी, जो आज भी भारतीय वित्तीय ढांचे का अहम हिस्सा है। इसके अलावा, इस बजट में कई अन्य वित्तीय नीतियाँ भी शामिल थीं, जिनका उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप में आर्थिक सुधार लाना था।

कब और कहां हुआ था आधुनिक भारत का पहला बजट
जब भारत ने 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की, तो उसके बाद स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया। इस बजट को स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री सर आरके शानमुगम चेट्टी ने प्रस्तुत किया। यह बजट एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि यह विभाजन के समय हुए बड़े पैमाने पर दंगों और सामाजिक अस्थिरता के बावजूद पेश किया गया था। आधुनिक भारत के पहले बजट में खास ध्यान देश के पुनर्निर्माण और विकास पर केंद्रित किया गया था। इसके अलावा, नए देश के आर्थिक संरचनाओं को सुदृढ़ करने और औद्योगिकीकरण के लिए योजनाएं तैयार की गई थीं। इस बजट के द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि स्वतंत्र भारत की आर्थिक नीति को एक स्थिर और समृद्ध दिशा में लाया जाए।

भारत के पहले बजट की शुरुआत जेम्स विल्सन द्वारा 7 अप्रैल 1860 को लंदन में की गई थी। इस बजट का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन द्वारा भारत में किए गए भारी आर्थिक खर्चों की भरपाई के लिए एक मजबूत कर व्यवस्था स्थापित करना था। यह बजट भारतीय आर्थिक इतिहास में एक अहम कदम था। आजादी के बाद भारत का पहला बजट 1947 में पेश हुआ, जो विभाजन और सामाजिक अस्थिरता के बावजूद देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण था।

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