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Budget 2025: क्या बजट से चमकेंगे युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं के चेहरे? नई उम्मीदों के साथ तैयार है 2025 का बजट!

Edited By Mahima,Updated: 01 Feb, 2025 10:04 AM

budget 2025 will brighten the faces of the youth the elderly and women

केंद्रीय बजट 2025-26 से युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों को कई उम्मीदें हैं। युवाओं को टैक्स में राहत, रोजगार के अवसर, और स्टार्टअप्स के लिए मदद की आशा है। महिलाएँ सशक्तिकरण योजनाओं के लिए अधिक बजट चाहती हैं, जबकि बुजुर्ग टैक्स में राहत और सेविंग्स...

नेशनल डेस्क: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को देश का आम बजट पेश करेंगी, जिसमें देश के विभिन्न वर्गों की उम्मीदें और अपेक्षाएँ जुड़ी हुई हैं। इस बार, खासकर युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों से संबंधित कई उम्मीदें और मांगें हैं, जो इस बजट में संभवतः शामिल हो सकती हैं। आइए इन वर्गों की उम्मीदों और बजट से जुड़ी आवश्यक अपेक्षाओं पर विस्तार से नजर डालते हैं।

इस बजट से जुड़ी हैं युवाओं की बड़ी उम्मीदें 
देश के युवाओं की बड़ी उम्मीदें इस बजट से जुड़ी हैं। खासकर कामकाजी युवाओं को टैक्स में राहत मिलने की संभावना है, क्योंकि बड़े शहरों में रहने वाले कामकाजी युवाओं का कहना है कि उन्हें टैक्स तो अधिक देना पड़ता है, लेकिन इसके बदले उन्हें पर्याप्त सेवाएं नहीं मिल पातीं। ऐसे में सरकार से उनकी मांग है कि टैक्स की दरों में कटौती की जाए, ताकि उनकी वित्तीय स्थिति पर दबाव कम हो।इसके अलावा, युवाओं की एक बड़ी उम्मीद क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी हुई है। आजकल क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का चलन बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ टैक्स दरों में भी कोई स्पष्टता नहीं है। युवा चाहते हैं कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स में कटौती करे या कम से कम टैक्स नियमों को साफ़ और सरल बनाएं। युवाओं की एक और बड़ी मांग यह है कि सरकार देश में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करे।

बहुत से युवा उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद भी अपनी योग्यताओं के अनुसार नौकरी नहीं पा रहे हैं और विदेशों में काम करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। उनका कहना है कि अगर देश में बेहतर रोजगार के अवसर मिलें, तो वे विदेश जाने की बजाय भारत में ही स्थिरता से काम कर सकेंगे। युवाओं की एक अन्य उम्मीद स्टार्टअप सेक्टर को लेकर है। वे चाहते हैं कि सरकार स्टार्टअप्स के लिए कुछ नई घोषणाएं करे, ताकि नवाचार को बढ़ावा मिले और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। इसके साथ ही, 2030 और 2036 की ओलंपिक की तैयारी के लिए खेलों के बुनियादी ढांचे में सुधार की उम्मीद भी जताई जा रही है। इससे युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा और ओलंपिक के लिए अधिक प्रतियोगिता भी बढ़ेगी।

महिला सशक्तिकरण के लिए अधिक बजट देने की उम्मीद
महिलाओं को इस बजट से विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण से संबंधित योजनाओं और बजटीय आवंटन में वृद्धि की उम्मीद है। पिछले साल के बजट में सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था और इस साल भी महिला सशक्तिकरण के लिए अधिक बजट देने की उम्मीद की जा रही है। महिलाएँ यह चाहती हैं कि सरकार महिला सम्मान बचत योजना की अवधि को बढ़ाए, जो वर्तमान में 31 मार्च 2025 तक लागू है। महिलाओं के लिए विशेष रूप से महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार से कुछ नई घोषणाओं की उम्मीद है।

महिलाएँ चाहती हैं कि सरकार उन्हें सस्ती दरों पर कच्चा माल उपलब्ध कराए, ताकि वे अपने व्यापार को बिना किसी कठिनाई के चला सकें। इसके अलावा, लोन की प्रक्रिया को सरल बनाना भी महिलाओं के लिए अहम होगा, ताकि वे आसानी से अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें। महिलाओं की उम्मीदें यह भी हैं कि सरकार महिला स्वास्थ्य योजनाओं जैसे 'मिशन शक्ति', 'मातृ वंदना योजना' और 'जननी सुरक्षा योजना' के लिए बजट आवंटन बढ़ाए। इन योजनाओं से महिलाओं को आर्थिक मदद मिलती है और उनके स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर ध्यान दिया जाता है। महंगाई के चलते महिलाओं को राहत की भी उम्मीद है, ताकि उनके जीवनयापन की मुश्किलें कम हो सकें।

बुजुर्गों की भी बजट से कुछ अहम उम्मीदें
देश के बुजुर्गों की भी बजट से कुछ अहम उम्मीदें हैं। बुजुर्गों का कहना है कि उनकी आमदनी सीमित होती है, ऐसे में सरकार को उन पर टैक्स का बोझ कम करना चाहिए। उनकी मांग है कि सरकार 10 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स न लगाए। साथ ही, वे यह भी चाहते हैं कि सेविंग्स स्कीम पर अधिक सूद दिया जाए, ताकि उनकी जमा पूंजी से बेहतर रिटर्न मिल सके और उनकी ज़रूरतें पूरी हो सकें। इसके अलावा, बुजुर्गों को उम्मीद है कि सरकार न्यू टैक्स रिजीम के तहत बेसिक एक्जंपशन लिमिट को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दे। इसका मतलब है कि जिनकी आय 5 लाख रुपये तक होगी, उन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जिससे बुजुर्गों को राहत मिल सकेगी।

मेट्रो शहरों में रहने वाले बुजुर्गों की मांग है कि सरकार हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में वृद्धि करे, ताकि उन्हें रहने के लिए अधिक राहत मिल सके। केंद्रीय बजट 2025-26 से विभिन्न वर्गों की अलग-अलग उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। युवाओं को टैक्स में राहत, रोजगार के अवसर, और स्टार्टअप्स के लिए मदद की उम्मीद है। महिलाएँ सशक्तिकरण के लिए अधिक बजट की मांग कर रही हैं, साथ ही महिला उद्यमियों के लिए सहूलतें चाहती हैं। वहीं, बुजुर्गों को टैक्स राहत और सेविंग्स स्कीम पर अधिक ब्याज मिलने की उम्मीद है। इस बार के बजट से इन वर्गों को काफी उम्मीदें हैं, जो उनके जीवन को और बेहतर बना सकती हैं।

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