Edited By Mahima,Updated: 07 Jan, 2025 04:45 PM
केंद्रीय बजट 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की अटकलें तेज हो गई हैं। कर्मचारियों और यूनियनों ने महंगाई दर में वृद्धि और रुपये की गिरावट के कारण वेतन आयोग के गठन की तत्काल मांग की है। हालांकि, सरकार ने फिलहाल इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की...
नेशनल डेस्क: केंद्रीय बजट 2025 का ऐलान अब महज एक महीने से भी कम समय में होने वाला है। इसके साथ ही, सरकारी कर्मचारियों की नजरें इस बजट पर टिकी हुई हैं, खासकर 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की संभावित घोषणा पर। पिछले कई वर्षों से कर्मचारी संघ और यूनियनें 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग कर रहे हैं। इस बीच, केंद्रीय कर्मचारियों का एक बड़ा सवाल यह है कि क्या वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट में 8वें वेतन आयोग का ऐलान करेंगी या नहीं।
कर्मचारी यूनियनों द्वारा लगातार उठाई जा रही है वेतन आयोग की मांग
केंद्रीय कर्मचारी महासंघ और अन्य प्रमुख कर्मचारी यूनियनों ने पिछले कई वर्षों से इस मुद्दे को उठाया है। खासकर 2024-25 के केंद्रीय बजट में इस विषय पर कर्मचारियों ने जोरदार तरीके से अपनी मांग रखी थी, लेकिन तब सरकार ने इस पर कोई विशेष कदम नहीं उठाया था। हालांकि, आगामी केंद्रीय बजट 2025 में अब कर्मचारियों को इस विषय पर उम्मीदें हैं। हाल ही में, 6 जनवरी 2025 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ट्रेड यूनियनों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कर्मचारियों ने 8वें वेतन आयोग के गठन की तत्काल मांग की। यूनियनों ने यह तर्क दिया कि महंगाई दर में लगातार वृद्धि और रुपये की गिरावट के कारण कर्मचारियों का वेतन पहले की तुलना में कम हो गया है। ऐसे में, वेतन आयोग का गठन एक आवश्यक कदम है।12 दिसंबर 2024 को केंद्रीय कर्मचारी महासंघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि 8वें वेतन आयोग का गठन शीघ्र किया जाए। पत्र में उल्लेख किया गया था कि सातवें वेतन आयोग के गठन के बाद अब 10 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। इसके अलावा, महंगाई और जीवन यापन की लागत में वृद्धि के कारण, कर्मचारियों को तत्काल वेतन वृद्धि की आवश्यकता है।
क्या कहता है वित्त मंत्रालय?
हालांकि, वित्त मंत्रालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि फिलहाल 8वें वेतन आयोग के गठन की कोई योजना नहीं है। दिसंबर 2024 में, वित्त मंत्रालय ने संसद में एक जवाब देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार इस समय 8वें वेतन आयोग के गठन के लिए कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं रख रही है। मंत्रालय ने कहा था कि फिलहाल, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर कर्मचारी वेतन संरचना लागू है, जो 2016 से प्रभावी है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया कि प्रत्येक 10 साल में वेतन आयोग का गठन किया जाता है, लेकिन इसके लिए कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। यानी यह पूरी तरह से सरकार के विवेक पर निर्भर करता है कि वह कब वेतन आयोग का गठन करती है। हालांकि, कर्मचारियों के बीच यह चर्चा है कि सरकार अगर 8वें वेतन आयोग का गठन नहीं करती, तो वेतन वृद्धि मुद्रास्फीति या प्रदर्शन के आधार पर की जा सकती है।
8वें वेतन आयोग के गठन की हो सकती है संभावनाएं
अब सवाल यह उठता है कि क्या बजट 2025 में सरकार कर्मचारियों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए 8वें वेतन आयोग का गठन करेगी? ट्रेड यूनियनों ने इस मुद्दे पर लगातार दबाव बनाया है और यह मांग की है कि अगर सरकार कर्मचारियों के लिए कोई दीर्घकालिक समाधान चाहती है, तो 8वें वेतन आयोग का गठन शीघ्र किया जाए। इस बीच, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों के अनुसार, सरकार वेतन आयोग की सिफारिशों को मुद्रास्फीति और प्रदर्शन के आधार पर जोड़ने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों के वेतन में काफी वृद्धि हो सकती है।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
कर्मचारी यूनियनों ने इस बार उम्मीद जताई है कि यदि सरकार 2.86 के फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी देती है, तो सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन जो वर्तमान में ₹18,000 प्रति माह है, वह बढ़कर ₹51,480 तक जा सकता है। इस वृद्धि का मतलब होगा कि कर्मचारियों का वेतन लगभग 186% बढ़ जाएगा। हालांकि, यह केवल अटकलें हैं और इस पर अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। वहीं, कुछ और सूत्रों का कहना है कि सरकार के लिए यह संभव नहीं होगा कि वह एक साथ सभी कर्मचारियों के वेतन में इतनी बड़ी वृद्धि करें, और इसके बजाय इसे किसी और तरीके से तय किया जा सकता है, जैसे मुद्रास्फीति या प्रदर्शन के आधार पर। इस मामले में अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन कर्मचारियों की उम्मीदें लगातार बनी हुई हैं।
महंगाई भत्ता (DA) और पेंशनभोगियों की स्थिति
7वें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते (DA) की बढ़ोतरी साल में दो बार की जाती है। आने वाले समय में, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अगली DA बढ़ोतरी जनवरी 2025 से प्रभावी हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च 2025 तक इसे लागू किया जा सकता है। पिछले महीने नवंबर में केंद्र सरकार ने डीए में 3% की बढ़ोतरी की घोषणा की थी, जिससे कर्मचारियों का DA अब 53% तक पहुंच चुका है।पेंशनभोगियों के लिए भी महंगाई राहत (DR) में इसी अनुपात में बढ़ोतरी की गई थी। ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वित्तीय स्थिति में इस बढ़ोतरी से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन यह अभी भी 8वें वेतन आयोग के गठन के मुकाबले बहुत कम है।
बजट 2025 में इसका ऐलान कर सकती है सरकार
आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस बजट में 8वें वेतन आयोग की घोषणा करती है या नहीं। सरकार का निर्णय इस बात पर निर्भर करेगा कि वह कर्मचारियों के समग्र कल्याण के लिए कौन से कदम उठाती है। अगर सरकार ने इस बारे में कोई निर्णय लिया, तो वह बजट 2025 में इसका ऐलान कर सकती है। कर्मचारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण होगा, क्योंकि वेतन में वृद्धि से उनकी जीवनस्तर में सुधार हो सकता है, और इसका असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। वहीं, अगर सरकार वेतन आयोग का गठन नहीं करती, तो भी कर्मचारियों के लिए यह एक अहम मुद्दा बने रहेगा, और अगले कुछ वर्षों में इस पर और चर्चा हो सकती है। कर्मचारी संगठनों और यूनियनों का दबाव सरकार पर बने रहने वाला है, और यह देखा जाएगा कि सरकार अपनी नीति के तहत किस दिशा में कदम उठाती है।