mahakumb

मोदी सरकार की छवि को धूल में मिला रहे बिल्डर, इस बार मिगसन बिल्डर पर हुई कार्रवाई

Edited By Pardeep,Updated: 05 Feb, 2025 12:31 AM

builders are tarnishing the image of modi government

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आम लोगों को सस्ते घर मुहैया करवाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बीच बड़े शहरों में बिल्डर फ्लैट्स और मकान के नाम पर लोगों को चूना लगा रहे हैं। बिल्डरों की इस तरह की धोख धड़ी वाली कार्रवाइयों के कारण मोदी सरकार की...

नेशनल डेस्कः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आम लोगों को सस्ते घर मुहैया करवाने के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बीच बड़े शहरों में बिल्डर फ्लैट्स और मकान के नाम पर लोगों को चूना लगा रहे हैं। बिल्डरों की इस तरह की धोख धड़ी वाली कार्रवाइयों के कारण मोदी सरकार की छवि को भी आघात लग रहा है। हाल ही में मैग्सन बिल्डर्स पर हुई जी एस टी की कार्रवाई के बाद इस तरह का मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। इससे पहले दिल्ली मुंबई और अन्य शहरों में भी एजेंसियों ने इस तरह की कार्रवाई की है। 

विभागीय सूत्रों की मानें तो फ्लैट बुक के बाद बायर्स से लाखों रुपए हिडन चार्ज के रूप में वसूलने की शिकायत पर राज्यकर विभाग एसजीएसटी की विशेष जांच शाखा एसआईबी की टीम ने मिगसन ग्रुप की 15 फर्मों की 41 ब्रांचों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान छापेमारी टीम ने कंप्यूटर हार्डडिस्क, लैपटॉप और जरूरी कागजात अपने कब्जे में लिए हैं। आरोप है कि बिल्डर ने फ्लैट बुक कराने के बाद कई हिडन चार्ज के रूप में मेंटिनेंस, पार्किंग और विद्युत मीटर पर लोड बढ़ाने के नाम पर लाखों रुपए  वसूले थे, लेकिन बिल्डर द्वारा हिडन चार्ज के नाम पर वसूली गई रकम पर किसी प्रकार की जीएसटी जमा नहीं कराई गई। इस मामले की शिकायत ग्राहकों ने रेरा और शासन से की थी। जिसके बाद राज्य कर विभाग के एसटीएफ को जांच सौंपी गई। जांच मिलने पर विभाग की टीमों ने गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ में एक साथ छापेमारी की थी।

पिछले दस वर्षों में भारत में रियल एस्टेट धोखाधड़ी के मामले

1. लखनऊ में 59 करोड़ की ठगी:
साल 2020 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी रियल एस्टेट कंपनी खोलकर 59 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ था। पुलिस ने कंपनी से जुड़े नौ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। ठग पांच प्रतिशत मासिक ब्याज की दर से पैसा जमा करवाकर ठगी को अंजाम दिया करते थे। इनका धंधा सुलतानपुर व रायबरेली से लेकर गुजरात के सूरत तक फैला हुआ था तथा दुबई तक नेटवर्क थे। 
पुलिस उपायुक्त दक्षिणी रईश अख्तर व अपर पुलिस उपायुक्त दक्षिणी गोपाल कृष्ण चौधरी ने बताया कि कंपनी ने करीब 550 लोगों का पैसा जमा करवा कर ठगी की थी। इस मामले में 59 करोड़ रुपये की ठगी सामने आई थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों का धंधा सुलतानपुर व रायबरेली से लेकर गुजरात के सूरत तक फैला हुआ था तथा दुबई तक नेटवर्क था। 

2. दिल्ली-एनसीआर में 500 करोड़ की धोखाधड़ी:
2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 500 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में कुछ रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत Delhi-NCR में लगभग 12 जगहों पर छापेमारी की थी। आपको बता दें कि सूत्रों के मुताबित, यह छापेमारी ऑरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, ग्रीनबे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और थ्री सी शेल्टर प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों और उनके प्रमोटरों विजय गुप्ता, अमित गुप्ता, सरदार निर्मल सिंह और कुछ अन्य निदेशकों के ठिकानों पर हुई थी।

केंद्रीय एजेंसी के गुरुग्राम जोनल कार्यालय द्वारा दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में करीब 12 परिसरों की तलाशी ली थी। धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत की जा रही ED की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR पर संज्ञान लेने के बाद शुरू की गई थी। सूत्रों ने बताया कि ये शिकायतें कुछ घर खरीदारों की याचिकाओं पर दायर की गईं, जिन्होंने इन कंपनियों की परियोजनाओं में निवेश किया था।

जानकारी के लिए बता दें कि सूत्रों का कहना था कि ED इन कंपनियों के प्रमोटरों, शेयरधारकों और निदेशकों को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के रियल एस्टेट धोखाधड़ी, दुरुपयोग और गलत लाभ के लिए धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच पड़ताल कर रहा था। यह आरोप लगाया गया था कि कंपनियों ने 1,000 करोड़ रुपए से अधिक एकत्र किए, लेकिन वास्तविक परियोजनाओं पर केवल 500 करोड़ रुपये खर्च किए, जो मंजूरी के बिना लाइसेंस प्राप्त भूमि के 1 हिस्से की धोखाधड़ी बिक्री, आगे के निवेश के लिए धन के “डायवर्जन” के कारण रुक गए।

3. मुंबई में दो फ्लैट और खरीदने वाले 150 :
जालसाजी का ऐसा ही एक मामला मुंबई में 2023 में सामने आया था। जहां एक बिल्डर ने लगभग 150 लोगों के साथ करोड़ों की ठगी की। मंदार हाउसिंग रियल एस्टेट कंपनी के डाइरेक्टर राजू सुलिरे ने मुंबई (Mumbai Builder Scam) में 2 फ्लैट 150 लोगों को बेचकर करोड़ों रुपये की ठगी की। यह बेंगलुरु का एक बिल्डर था। जिसका मुंबई (Real Estate Fraud) के विरार में भी प्रोजेक्ट था। जहां उसने 150 लोगों को दो फ़्लैट बेचकर लगभग 30 करोड़ रुपये की जालसाजी की। विरार वेस्ट के अरनाला पुलिस स्टेशन में कई लोगों ने शिकायत की कि विरार और नालासोपारा में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में उन्होंने निवेशक किया, लेकिन वह फ़्लैट और भी लोगों के नाम पर था। इस फ़्लैट को साल 2011 से 2018 के बीच 150 लोगों को बेचा गया। इतना ही नहीं उन्होंने सभी खरीदारों को सेल्स एग्रीमेंट भी दिए। 

वर्तमान स्थिति और उपभोक्ता अदालत के निर्णय:

रियल एस्टेट धोखाधड़ी के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया अक्सर लंबी होती है। हालांकि, कई मामलों में दोषियों को सजा मिली है, लेकिन सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। उपभोक्ता अदालतें भी प्रभावित निवेशकों के पक्ष में निर्णय देती रही हैं, जिससे उन्हें आंशिक या पूर्ण धनवापसी मिली है।

पिछले दशक में रियल एस्टेट क्षेत्र में धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें हजारों निवेशक प्रभावित हुए हैं। हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियां और न्यायपालिका सक्रिय रूप से इन मामलों में कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने और किसी भी निवेश से पहले पूरी जांच करने की सलाह दी जाती है।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!