Edited By shukdev,Updated: 28 Dec, 2019 05:52 PM
उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में डेढ़ साल पहले जिस घर में 11 लोगों ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी उस घर में एक परिवार ने रहने का फैसला किया है। अहम बात यह है कि परिवार के मुखिया डॉ मोहन सिंह कश्यप पड़ोस में ही पैथोलॉजी लैब चलाते हैं। वह रविवार को परिवार...
नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में डेढ़ साल पहले जिस घर में 11 लोगों ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी उस घर में एक परिवार ने रहने का फैसला किया है। अहम बात यह है कि परिवार के मुखिया डॉ मोहन सिंह कश्यप पड़ोस में ही पैथोलॉजी लैब चलाते हैं। वह रविवार को परिवार सहित बतौर किरायेदार घर में रहने के लिए आ जाएंगे। उनके परिवार में पत्नी कृष्णा के अलावा तीन बच्चे हैं। घर को लेकर इलाके में फैली अफवाहों व अंधविश्वासों को दरकिनार करते हुए किरायेदार मोहन ने सभी चीजों पर पूर्णविराम लगा दिया।
मोहन वहां ग्राउंड फ्लोर पर पैथलॉजी लैब बनाएंगे और पहले फ्लोर पर परिवार के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह उस घर के बारे में फैली भूतिया कहानियों से परिचित हैं और शिफ्ट होने से पहले लोगों की तसल्ली के लिए हवन करवाएंगे। उन्होंने बताया कि मेरे बच्चे इस घर में पहले से आते-जाते रहे हैं, वे यहां ट्यूशन पढ़ते थे इसलिए घर से हम सभी परिचित हैं। मोहन ने बताया कि उन्होंने लोगों में फैले अंधविश्वास को दूर करने के लिए यह साहसिक फैसला लिया है।
उल्लेखनीय है कि कि 30 जून 2018 की रात को बुराड़ी के संत नगर स्थित इस मकान में एक ही परिवार के 11 लोगों के शव फंदे से लटके मिले थे। पुलिस जांच में सामने आया था कि अंधविश्वास की वजह से परिवार के मुखिया ललित के कहने पर सभी लोगों ने आत्महत्या की थी। इस परिवार में ललित के बड़े भाई दिनेश एवं उनका परिवार ही बचा है जो राजस्थान के रावतभाटा में रहता है। घटना के बाद से इस मकान को लेकर अफवाह फैल रही थी। इस वजह से यहां कोई रहने की हिम्मत हीं जुटा पा रहा था, जबकि दिनेश खुद परिवार सहित बीच बीच में रहने के लिए आते थे।
पड़ोसियों और आस-पाक के इलाके के लोगों का कहना है कि अंधेरे में घर से भूत निकलते हैं। ये वहीं आत्माएं हैं जो अतृप्त हैं। हालांकि इस मनहूस घर में रहने आए किराएदार इस बात पर यकीन नहीं रखते हैं। डॉ मोहन कश्यप का कहना है कि उन्हें या उनके परिवार वालों को अंधविश्वास पर यकीन नहीं है। वहीं बुराड़ी के रिश्तेदारों के मुताबिक घर के बारे में पड़ोसी जान बूझकर अफवाह फैलाते हैं।