Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Nov, 2024 01:09 PM
शेयर बाजार में हाल ही में हुई लगातार गिरावट ने निवेशकों को मंदी की आशंका में डाल दिया है। हालांकि, पिछले दो दिनों की तेजी ने कुछ राहत दी है, लेकिन बाजार की आगे की दिशा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज हाउस CLSA ने बाजार...
नई दिल्ली: शेयर बाजार में हाल ही में हुई लगातार गिरावट ने निवेशकों को मंदी की आशंका में डाल दिया है। हालांकि, पिछले दो दिनों की तेजी ने कुछ राहत दी है, लेकिन बाजार की आगे की दिशा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज हाउस CLSA ने बाजार पर अपनी राय व्यक्त की है। CLSA इंडिया के रिसर्च हेड और रणनीतिकार विकास कुमार जैन ने कहा कि पिछले पांच हफ्तों में आई भारी गिरावट के बाद बाजार में अल्पकालिक तेजी देखने को मिल सकती है।
विकास जैन ने बताया कि कमजोर कमाई का सीजन, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का चीन की ओर झुकाव, महंगाई में वृद्धि और ईरान-इजरायल युद्ध जैसे कारकों ने बाजार पर दबाव डाला। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इन नकारात्मक प्रभावों के बाद अब बाजार में सुधार की संभावना है।
विकास जैन ने यह स्पष्ट किया कि यह तय करना कठिन है कि मौजूदा तेजी बाजार में बुल मार्केट की वापसी का संकेत है या मंदी के दौरान अस्थायी उछाल। उन्होंने यह भी बताया कि चीन में नीतिगत रुख की धीमी रफ्तार ने विदेशी निवेशकों के शुरुआती उत्साह को कम कर दिया है। अमेरिकी राजनीति में बदलाव, विशेषकर डोनाल्ड ट्रंप के जनवरी में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद, बाजार को और दिशा प्रदान कर सकता है।
दिसंबर के ऐतिहासिक आंकड़ों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 20-30 वर्षों में दिसंबर में बाजार ने आम तौर पर सकारात्मक प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, कच्चे तेल की गिरती कीमतें भारतीय बाजार के लिए अनुकूल साबित हो सकती हैं।
विदेशी निवेशकों की रणनीति पर बात करते हुए जैन ने कहा कि उनके $900 बिलियन AUM में से अधिकांश फंड उभरते बाजारों में निवेश करते हैं। भारत की बेहतर प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए, चीन से भारत की ओर निवेश का प्रवाह बढ़ सकता है।