Edited By Yaspal,Updated: 19 Nov, 2024 08:04 PM
गोल्डमैन सैश ने एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि अगले साल यानी 2025 में सोने की कीमतें नया रिकॉर्ड बना सकती हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गोल्ड में आई हालिया गिरावट इसमें निवेश का बेहतरीन मौका लेकर आई है
बिजनेस डेस्कः गोल्डमैन सैश ने एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि अगले साल यानी 2025 में सोने की कीमतें नया रिकॉर्ड बना सकती हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गोल्ड में आई हालिया गिरावट इसमें निवेश का बेहतरीन मौका लेकर आई है। दुनिया की नामी इन्वेस्टमेंट फर्म गोल्डमैन सैश ने 2025 को सोने के लिए एक एतिहासिक साल बताया है। फर्म ने अनुमान जताया कि दिसंबर 2025 तक गोल्ड 3000 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। अगर इंटरनेशनल मार्केट में सोने का भाव 3000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचता है तो फिर भारतीय बाजार में गोल्ड का भाव 1 लाख रुपये तक जा सकता है।
वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के कारण मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 600 रुपये की तेजी के साथ 78,050 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। सोमवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 77,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। कारोबारियों ने कहा कि शादी-विवाह के लिए स्थानीय आभूषण विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की खरीदारी बढ़ने से भी सोने की कीमतों में तेजी आई। सोमवार को चांदी 1,500 रुपये उछलकर 93,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। इसका पिछला बंद भाव 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 600 रुपये बढ़कर 77,650 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले सत्र में यह 77,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉमेक्स सोना वायदा 19.50 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 2,634.10 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। एलकेपी सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई है। साथ ही रूस-यूक्रेन संघर्ष में परमाणु जोखिमों को लेकर नए सिरे से आशंकाएं पैदा हुई हैं, जिससे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने की मांग बढ़ी है।''
गोल्डमैन सैश ने इस तेजी के आने की जो प्रमुख वजहें बताई हैं उनमें शामिल हैं। दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों की खरीदारी जो अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाने के लिए सोना खरीद रहे हैं और इनमें भी बड़ी मात्रा में अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड रखने वाले बैंक खरीदारी में सबसे आगे हैं।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती भी गोल्ड को मजबूत बना रही है, क्योंकि फेडरल रिजर्व की आसान मॉनेटरी पॉलिसी से डॉलर कमजोर होगा जिससे सोने की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स में निवेशकों की दिलचस्पी ने भी सोने की कीमतों को सहारा दिया है।
अगले साल भी सोने की चमक रहेगी जारी
जानकारों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन सोने के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि ट्रंप के आने के बाद व्यापारिक तनाव बढ़ेगा जिससे सोने में निवेश एक सुरक्षित विकल्प बन जाएगा। इसके अलावा अमेरिका का राजकोषीय संकट, बढ़ते कर्ज और बजट घाटे की चिंता से सोने की डिमांडऔर बढ़ सकती है। गोल्ड के साथ ही गोल्डमैन सैश ने 2025 में ब्रेंट क्रूड की कीमतें को लेकर अनुमान जताया है, जिसके मुताबिक कच्चे तेल के दाम अगले साल 70 डॉलर प्रति बैरल से 85 डॉलर प्रति बैरल के बीच रह सकते हैं।
यानी अगले साल भी भारत जैसे क्रूड आयात पर निर्भर देशों को महंगाई की चुनौती का सामना करना होगा। इस तेजी की वजह के बारे में रिसर्च एजेंसी का कहना है कि अगर ट्रंप प्रशासन ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाता है तो तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। वहीं अमेरिका और इजरायल के मजबूत संबंधों से ईरान की तेल सप्लाई को ब्रेक लग सकता है, यानी पॉलिसी मेकर्स के लिए ब्याज दरों को कम रखना अगले साल फिर से एक चुनौती बन सकती है जो ग्रोथ को धीमा कर सकता है