Edited By Utsav Singh,Updated: 15 Oct, 2024 05:15 PM
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही 15 राज्यों की 48 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का कार्यक्रम भी जारी किया है।इस सूची में केरल की वायनाड लोकसभा सीट भी शामिल है, जिसे राहुल गांधी...
नेशनल डेस्क : चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही 15 राज्यों की 48 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का कार्यक्रम भी जारी किया है। चुनाव आयोग ने 15 राज्यों की 48 विधानसभा और 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया है। इस सूची में केरल की वायनाड लोकसभा सीट भी शामिल है, जिसे राहुल गांधी ने जीतने के बाद छोड़ दिया था।
उपचुनाव की तारीखें
- 13 नवंबर: 47 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट पर उपचुनाव होंगे।
- 20 नवंबर: 1 लोकसभा और 1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव का आयोजन होगा।
यह उपचुनाव कई राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं, खासकर राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद वायनाड सीट पर। चुनाव आयोग की यह घोषणा आगामी चुनावों की दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो महत्वपूर्ण सीटों, केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली से चुनाव लड़ा। उन्होंने दोनों सीटों पर शानदार जीत दर्ज की, लेकिन इसके बाद उन्होंने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
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वायनाड सीट छोड़ने का फैसला
राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने की घोषणा की और रायबरेली सीट से सांसद बने रहने का फैसला किया। इस निर्णय ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दिया है और वायनाड सीट के लिए होने वाले उपचुनाव का महत्व बढ़ा दिया है।
आगामी उपचुनाव
वायनाड की सीट पर होने वाला उपचुनाव कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती साबित हो सकता है, खासकर राहुल गांधी के द्वारा इस सीट को छोड़ने के निर्णय के बाद। राहुल गांधी की वायनाड सीट से इस्तीफे के बाद, कांग्रेस को अपने समर्थकों को फिर से एकजुट करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इस सीट पर अपनी स्थिति को मजबूत कर सकें।
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इस उपचुनाव में कांग्रेस की जीत न केवल उनकी राजनीतिक ताकत को दर्शाएगी, बल्कि यह भी साबित करेगी कि राहुल गांधी का निर्णय सही था। यदि कांग्रेस इस सीट को जीतने में सफल होती है, तो यह उनके लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला क्षण होगा। कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति को मजबूती से तैयार करना होगा, ताकि वे वायनाड में अपने प्रभाव को बनाए रख सकें और भविष्य में और अधिक चुनावी सफलताएं हासिल कर सकें।