कैब यूज करने वाले हो जाएं सावधान! यौन उत्पीड़न मामले में OLA का जवाब, कहा- हम ड्राइवर हायर नहीं करते

Edited By Utsav Singh,Updated: 05 Oct, 2024 05:03 PM

cab users be careful ola s response in case said we do not hire drivers

कर्नाटक HC ने एक महिला द्वारा यौन उत्पीड़न के मामले में ओला कंपनी को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है, जिससे कंपनी को राहत मिली है। सिंगल बेंच ने ओला कंपनी को कानूनी खर्चों की भरपाई के लिए 5.5 लाख रुपये का...

नेशनल डेस्क : कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक महिला द्वारा दायर यौन उत्पीड़न के मामले में ओला कंपनी को महत्वपूर्ण राहत दी है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें ओला कंपनी को कानूनी खर्चों के रूप में 5.5 लाख रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया था। जुर्माने के संबंध में राहत की मांग करते हुए ओला कंपनी ने डबल बेंच में याचिका दायर की थी, जिसके चलते उन्हें यह राहत मिली है। यह फैसला ओला कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिससे उन्हें आगे की कानूनी लड़ाई में मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ें- करोड़ों के मालिक हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री, केवल मन की बात पढ़ने के लेते हैं लाखों रुपए

 

मामला क्या है?
एक महिला ने ओला के खिलाफ कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया गया कि ओला ने अपने एक ड्राइवर पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की थी।

यह भी पढ़ें- Relationship Tips : क्या आप भी अपने पार्टनर के झूठ बोलने से हैं परेशान... इन 5 तरीकों से मिनटों में लगाए पता

कंपनी की दलील
कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत में यह कहा कि ओला ड्राइवरों को सीधे नौकरी नहीं देती है। ड्राइवर अपनी इच्छा से ओला कंपनी को चुनते हैं, जिसका मतलब है कि वे पूरी तरह स्वतंत्र होते हैं। इस दावे का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि कंपनी ड्राइवरों के कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि वे स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। यह बयान कंपनी की स्थिति को दर्शाता है, जिससे यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि यदि कोई घटना होती है, तो उसका जिम्मा कंपनी पर नहीं डाला जा सकता।

यह भी पढ़ें- Breast Cancer की होती हैं 4 स्टेज, जानिए किस स्टेज तक है बचने की संभावना

अगली सुनवाई की तारीख
कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति कृष्ण कुमार और न्यायमूर्ति एमजी उमा की खंडपीठ ने मामले में शामिल सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी, जहां सभी पक्षों से जवाब मांगा जाएगा। यह सुनवाई इस मामले के भविष्य को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

घटना की जानकारी
आपको बता दें कि यह मामला 23 अगस्त 2018 का है, जब एक महिला ने ओला कैब में यात्रा के दौरान यौन उत्पीड़न की शिकायत की। महिला के अनुसार, यात्रा के दौरान ड्राइवर ने गाड़ी नहीं रोकी और अश्लील वीडियो देखने में व्यस्त रहा। यह घटना न केवल महिला के लिए एक मानसिक आघात का कारण बनी, बल्कि इससे ओला कंपनी की सुरक्षा और जिम्मेदारी पर भी गंभीर प्रश्न उठे हैं। ऐसे मामलों में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। उसने बताया कि ड्राइवर ने गाड़ी चलाते समय हस्तमैथुन भी किया।

 


 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!