Edited By Pardeep,Updated: 08 Feb, 2025 04:16 AM
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को नए आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी, जो छह दशक पुराने आईटी अधिनियम की जगह लेगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। नया विधेयक प्रत्यक्ष कर कानून को समझने में आसान बनाने और कोई नया कर बोझ नहीं लगाने की एक कवायद है। इसमें प्रावधान...
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को नए आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी, जो छह दशक पुराने आईटी अधिनियम की जगह लेगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। नया विधेयक प्रत्यक्ष कर कानून को समझने में आसान बनाने और कोई नया कर बोझ नहीं लगाने की एक कवायद है। इसमें प्रावधान और स्पष्टीकरण या कठिन वाक्य नहीं होंगे।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने नए आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी। उन्होंने कहा कि नया आयकर विधेयक अब अगले सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा और इसे संसद की वित्त संबंधी स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा। संसद के मौजूदा बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को खत्म हो रहा है। सत्र 10 मार्च को फिर शुरू होगा और चार अप्रैल तक चलेगा।
नए विधेयक की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में की थी। छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेने वाला नया आयकर विधेयक प्रत्यक्ष कर कानूनों को पढ़ने-समझने में आसान बनाएगा, अस्पष्टता दूर करेगा और मुकदमेबाजी को कम करेगा। नया अधिनियम उन सभी संशोधनों और धाराओं से मुक्त होगा जो अब प्रासंगिक नहीं हैं। साथ ही भाषा ऐसी होगी कि लोग इसे कर विशेषज्ञों की सहायता के बिना समझ सकें।