Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jan, 2025 05:29 PM
इसरो ने गुरुवार को घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) पर तीसरे लॉन्च पैड (टीएलपी) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट पर अनुमानित लागत 3,984.8 करोड़...
नई दिल्लीः इसरो ने गुरुवार को घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) पर तीसरे लॉन्च पैड (टीएलपी) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट पर अनुमानित लागत 3,984.8 करोड़ रुपए है। यह भारत की अंतरिक्ष लॉन्च क्षमताओं को बढ़ाने और भविष्य के मानव अंतरिक्ष उड़ान अभियानों का समर्थन करने के लिए तैयार है।
नया लॉन्च पैड अगली पीढ़ी के लॉन्च वाहनों (NGLV) और LVM3 वाहनों के साथ-साथ सेमिक्रायोजेनिक स्टेज का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इस रणनीतिक विस्तार के साथ भारत अपने अंतरिक्ष लक्ष्यों की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है, जिसमें 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना और 2040 तक मानवयुक्त चंद्रमा लैंडिंग करना शामिल है। सरकारी बयान के अनुसार, "टीएलपी को अधिकतम औद्योगिक भागीदारी के साथ विकसित किया जाएगा, जिसमें इसरो के पिछले लॉन्च पैड निर्माण से जुड़े अनुभव का लाभ उठाया जाएगा।" इस परियोजना को 48 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
टीएलपी का महत्व
इसरो के तत्कालीन अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया था: "हमारे पास फिलहाल केवल दूसरा लॉन्च पैड है। पहला लॉन्च पैड PSLV के लिए बनाया गया था लेकिन यह GSLV को सपोर्ट नहीं कर सकता क्योंकि यह क्रायोजेनिक स्टेज को संभालने में सक्षम नहीं है। LVM-3 के आने पर हमने दूसरे लॉन्च पैड को पुन: डिज़ाइन किया। अब, LVM-3 में सेमिक्रायो स्टेज होगा, और मानव अंतरिक्ष उड़ान भी शुरुआत में यहीं से होगी।"
सोमनाथ ने यह भी बताया कि पिछले दो दशकों में दूसरे लॉन्च पैड में कई सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि दूसरे लॉन्च पैड को कोई नुकसान होता है, जैसे कि विस्फोट, तो GSLV के लिए कोई लॉन्च पैड उपलब्ध नहीं होगा, और हर कार्यक्रम ठप हो जाएगा।
तीसरे लॉन्च पैड की आवश्यकता
रेडंडेंसी: तीसरे लॉन्च पैड का प्राथमिक उद्देश्य एक बैकअप के रूप में काम करना है।
नई तकनीक: अगली पीढ़ी के लॉन्च वाहनों (NGLV) के लिए नया डिज़ाइन, जिसमें वाहनों को क्षैतिज रूप से एकीकृत किया जाएगा और फिर खड़ा किया जाएगा।
उन्नत परीक्षण सुविधाएं: यह लॉन्च पैड नए तरल इंजन आधारित बूस्टरों के लिए डिज़ाइन किया गया है और सभी स्टेज टेस्टिंग यहीं की जाएगी, महेंद्रगिरि में नहीं।