Edited By Utsav Singh,Updated: 05 Oct, 2024 06:36 PM
दिल्ली सरकार ने बस मार्शल्स की नियुक्ति को लेकर एक कैबिनेट नोट पास कर दिया है। इस नोट में मांग की गई है कि बस मार्शलों को तुरंत बहाल किया जाए। यह नोट आज ही उपराज्यपाल (LG) को भेजा जाएगा।
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने बस मार्शल्स की नियुक्ति को लेकर एक कैबिनेट नोट पास कर दिया है। इस नोट में मांग की गई है कि बस मार्शलों को तुरंत बहाल किया जाए। यह नोट आज ही उपराज्यपाल (LG) को भेजा जाएगा। बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जमकर बहस हो रही है। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का कोई विधायक उपराज्यपाल से मिलने नहीं आया। न ही उपराज्यपाल ने उन्हें मिलने का समय दिया।
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विधानसभा में हुई तीखी बहस
दिल्ली विधानसभा के हाल में संपन्न दो दिवसीय सत्र में बस मार्शलों की सेवा समाप्ति का मुद्दा उठाया गया। इस दौरान आप और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। अंत में दोनों पक्षों ने मार्शलों की नौकरी बहाल करने के प्रस्ताव का समर्थन किया। विधानसभा ने तय किया कि आप और भाजपा के विधायक 3 अक्टूबर को उपराज्यपाल से मिलेंगे और तब तक लौटेंगे नहीं जब तक मार्शलों की बहाली सुनिश्चित न हो जाए।
तानाशाही का आरोप
सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या किसी अन्य राज्य में मंत्रियों को मिलने का समय नहीं दिया जाता? उन्होंने कहा कि जब वे उपराज्यपाल से मिलने जाते हैं, तो पुलिस द्वारा उनके साथ मारपीट की जाती है।
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विपक्ष का आरोप: गरीबों को गुमराह कर रहे हैं
भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ आप की मंशा बस मार्शलों को राहत देने की नहीं है, बल्कि वे उनकी भावनाओं के साथ राजनीति कर रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मार्शलों को नौकरी से निकालने का आदेश दिया था।
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नई मुख्यमंत्री पर सवाल
गुप्ता ने नई मुख्यमंत्री आतिशी से पूछा कि वे इन नागरिक स्वयंसेवकों को बहाल क्यों नहीं करतीं। भाजपा विधायक 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से मिलने का कार्यक्रम बना रहे हैं और आरक्षण का प्रावधान करने की मांग करेंगे।
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बस मार्शल्स का विरोध प्रदर्शन
इससे पहले, पूर्व बस मार्शलों ने अपनी नौकरी बहाल करने की मांग को लेकर उपराज्यपाल के आवास के पास प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत भी शामिल हुए। पुलिस ने इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं होने का बहाना बनाते हुए कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।