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Call Merge Scam: साइबर अपराधी की ठगी का वो तरीका...जो एक कॉल से ही लोगों को बना देता है कंगाल! जानिए इससे कैसे बचें

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 14 Feb, 2025 03:24 PM

call merge scam that method of fraud of cyber criminals

आजकल साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं। एक नया तरीका जो इन दिनों चर्चा में है वह है "कॉल मर्ज स्कैम"। इस स्कैम में लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं और बहुत से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। आइए जानते हैं इस स्कैम के...

नेशनल डेस्क। आजकल साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं। एक नया तरीका जो इन दिनों चर्चा में है वह है "कॉल मर्ज स्कैम"। इस स्कैम में लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं और बहुत से लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। आइए जानते हैं इस स्कैम के बारे में और इससे कैसे बचा जा सकता है।

कॉल मर्ज स्कैम क्या है? 

कॉल मर्ज स्कैम एक प्रकार का फोन फ्रॉड है, जो आसानी से पहचाना नहीं जा सकता। इसमें ठग फोन पर 'कॉल मर्ज' या 'कॉन्फ्रेंस कॉल' फीचर का इस्तेमाल करते हैं ताकि वे विक्टिम से सेंसिटिव जानकारी हासिल कर सकें या पैसे ट्रांसफर करवा सकें। यह स्कैम उन देशों में खासतौर पर पॉपुलर है जहां बैंकिंग और सरकारी सेवाओं के लिए फोन कॉल्स का उपयोग किया जाता है।

 

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कॉल मर्ज स्कैम कैसे काम करता है?

➤ इनिशियल कॉन्टैक्ट: सबसे पहले ठग एक बैंक, सरकारी अधिकारी या कस्टमर सर्विस रिप्रजेंटेटिव के रूप में फोन करते हैं और विक्टिम को किसी इमरजेंसी स्थिति जैसे अनऑथराइज्ड बैंक ट्रांजैक्शंस, ओवरड्यू बिल्स या लीगल दिक्कतों के बारे में बताते हैं।

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➤ कॉल मर्ज करने का अनुरोध: फिर ठग विक्टिम को वेरिफिकेशन के लिए बैंक के कस्टमर केयर या कानून प्रवर्तन एजेंसी को कॉल करने के लिए कहते हैं लेकिन दरअसल विक्टिम एक असली नंबर से नहीं जुड़ रहे होते बल्कि वे दूसरे ठग से बात कर रहे होते हैं जो एक असली संस्थान का रूप धारण करता है।

➤ फेक वेरिफिकेशन प्रोसेस: दूसरा ठग जो एक बैंक या सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधि बनकर विक्टिम से ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड), बैंक कार्ड डिटेल्स, पिन या ऑनलाइन बैंकिंग क्रेडेंशियल्स जैसी सेंसिटिव जानकारी मांगता है।

➤ फाइनेंशियल और डेटा थेफ्ट: एक बार जब विक्टिम अपनी जानकारी देता है तो ठग उनके बैंक अकाउंट्स, क्रेडिट कार्ड्स या व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग कर सकते हैं जिससे फाइनेंशियल फ्रॉड या आइडेंटिटी थेफ्ट हो सकता है।

 

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यह क्यों खतरनाक है?

➤ ट्रस्ट का फायदा उठाना: इस स्कैम में बैंकों और सरकारी संस्थाओं में लोगों के विश्वास का फायदा उठाया जाता है।
➤ यह रियलिस्टिक लगता है: यह स्कैम बहुत ही वास्तविक लगता है क्योंकि विक्टिम को यह बताया जाता है कि वे कॉल खुद शुरू कर रहे हैं जिससे उन्हें लगता है कि वे कंट्रोल में हैं।
➤ डिटेक्ट करना मुश्किल: अक्सर विक्टिम को तब ही यह पता चलता है कि वे ठगी का शिकार हो गए जब उनके अकाउंट से पैसे निकलने या अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शंस हो चुके होते हैं।

 

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अपनी सुरक्षा कैसे करें?

➤ कॉल मर्ज करने के लिए कहने पर ध्यान न दें: बैंक और सरकारी एजेंसियां कभी भी वेरिफिकेशन के लिए कॉल मर्ज करने के लिए नहीं कहती हैं।
➤ स्वतंत्र रूप से वेरिफाई करें: यदि कोई बैंक या सरकारी एजेंसी से होने का दावा करता है तो फोन काट कर सीधे उनकी वेबसाइट से आधिकारिक नंबर पर कॉल करें।
➤ सेंसिटिव जानकारी न साझा करें: कभी भी फोन पर ओटीपी, पिन या बैंकिंग डिटेल्स न बताएं।
➤ अर्जेंट रिक्वेस्ट से सावधान रहें: स्कैमर्स विक्टिम्स पर तत्काल खतरों का दबाव डालते हैं। शांत रहें और पहले वेरिफाई करें।
➤ संदिग्ध स्कैम की रिपोर्ट करें: यदि आपको ऐसी कोई कॉल आती है तो इसे तुरंत अपने बैंक, पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें।

इस स्कैम से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है। हमेशा संदेहास्पद कॉल्स से दूर रहें और किसी भी प्रकार की सेंसिटिव जानकारी को साझा करने से बचें।

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