‘सिक्योरिटी को बुलाओ’, कोर्ट में भड़के CJI, तो जवाब में बाइबिल पढ़ने लगा वकील, देखें VIDEO

Edited By Utsav Singh,Updated: 23 Jul, 2024 08:42 PM

call the security cji got angry in court then lawyer started reading bible

भारतीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को उनके शांत और समझदार स्वभाव के लिए प्रसिद्ध होने के साथ ही कोर्ट की सुनवाई में उनका नजरिया हमेशा विचारपूर्ण और संवेदनशील रहता है, लेकिन कभी-कभी उन्हें भी गुस्सा आता है।

नेशनल डेस्क : भारतीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को उनके शांत और समझदार स्वभाव के लिए प्रसिद्ध होने के साथ ही कोर्ट की सुनवाई में उनका नजरिया हमेशा विचारपूर्ण और संवेदनशील रहता है, लेकिन कभी-कभी उन्हें भी गुस्सा आता है। मंगलवार को एक घटना में उनका इसी प्रकार का व्यवहार सामने आया, जब नीट-यूजी (NEET-UG) मामले की सुनवाई के दौरान एक वकील बार-बार टोका-टाकी कर रहा था। इस पर चीफ जस्टिस ने उसे कहा कि वह कोर्ट रूम से बाहर जाने के लिए तैयार हो जाए। वकील ने पहले बैकफुट पर आकर जाने की कोशिश की, लेकिन चीफ जस्टिस ने उन्हें सिक्योरिटी को बुलाने के आदेश दिए। उसके बाद, वकील ने अंततः सुप्रीम कोर्ट के कमरे से बाहर निकल जाने का फैसला किया।

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इस घटना के बाद, वकील ने बाइबल के कोट पढ़कर चीफ जस्टिस को उसकी ओर से नसीहत दी, जो कि संविदानिक मौद्दे पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास था। इस दौरान, मंगलवार को नीट-यूजी मामले में एक याचिकाकर्ता नरेंद्र हुडा अपने तर्कों को रख रहे थे, जबकि दूसरे वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा ने बार-बार टोका-टाकी की थी। चीफ जस्टिस ने उसके इस व्यवहार पर नाराजगी जताई और वकील को धमकाते हुए कहा, "मिस्टर नेदुम्पारा, मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं। आप गैलरी में बात नहीं करेंगे। मैं इस कोर्ट का प्रभारी हूं। सिक्योरिटी को बुलाइए, जो इन्हें कोर्ट से बाहर निकाले।" वकील ने इस पर बैकफुट पर आकर कहा कि वह जा रहा है, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने उसे आगे बढ़ने की इजाजत दी।

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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने आगे कहा, "मैं पिछले 24 वर्षों से इस कोर्ट को देख रहा हूं। मैं वकीलों को कोर्ट का प्रोसीजर तय करने का अधिकार नहीं दे सकता।" इस पर वकील नेदुम्पारा ने उनपर तंज कसते हुए कहा, "मैं भी 1979 से इस कोर्ट को देख रहा हूं।" इसके बाद उनकी बातचीत में तनाव बढ़ गया और चीफ जस्टिस को उसके व्यवहार पर गहरा क्रोध आया। उन्होंने वकील को फिर से चेतावनी दी, कहते हुए, "मुझे ऐसा आदेश जारी करना पड़ सकता है, जो आपके लिए उचित नहीं होगा। आप किसी दूसरे वकील के काम में रुकावट नहीं डालेंगे।"

इसके बाद वकील चला गया, लेकिन थोड़ी देर बाद वह फिर से कोर्ट में लौटा और कहा, "मुझे खेद है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया, फिर भी मेरे साथ गलत व्यवहार किया गया।" इसके बाद, चीफ जस्टिस के दिशा-निर्देश पर मैथ्यूज नेदुम्पारा ने बाइबल के कोट पढ़ना शुरू किया और उन्होंने चीफ जस्टिस से माफी मांगी, उन्हें यीशु की प्रार्थना की। 

आपको बता दें कि चंद्रचूड़ मुख्य न्यायाधीश का यह व्यवहार पहली बार नहीं है जब वे वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा के सामर्थ्य को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। इसी साल मार्च में, एक चुनावी बॉन्ड मामले की सुनवाई के दौरान भी नेदुम्पारा ने अपनी टोकाटाकी के लिए चीफ जस्टिस का गुस्सा खेते हुए कोर्ट में उचित व्यवहार नहीं किया था। इस मामले में चंद्रचूड़ ने उन्हें डांटते हुए कहा था कि यहां हाइड पार्क कॉर्नर की मीटिंग नहीं है, बल्कि यह एक न्यायालय है। वह उन्हें याचिका दायर करने के लिए आग्रह किया था, लेकिन इसके बावजूद वकील ने अवहेलना दिखाई और कोर्ट के संदर्भ में अनुचित व्यवहार किया था।

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इस तरह के संदर्भ में, वकीलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए चंद्रचूड़ ने अपनी भूमिका में सुसंवेदनशीलता दिखाई है, लेकिन वे कठोर न्यायिक निर्णय लेने से भी घबराते नहीं हैं। उन्होंने वकील नेदुम्पारा को दोबारा आगाह किया था कि ऐसा व्यवहार उचित नहीं है और यदि वह ऐसा जारी रखते हैं तो वे कठोर कार्रवाई कर सकते हैं। इन सभी मामलों में, चंद्रचूड़ का संवेदनशील और न्यायिक दृष्टिकोण उनके अदालती कर्मचारियों और वकीलों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। वे स्पष्ट रूप से यह सुनिश्चित करते हैं कि कोर्ट की सुनवाई नियमित और न्यायिक तरीके से संचालित होती रहे, बिना किसी अनुचित व्यवहार के।

 

 

 

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