Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Feb, 2025 02:50 PM
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इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने हाल ही में वाशिंगटन में आयोजित कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में अपने वीडियो लिंक के जरिए वामपंथियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि वामपंथी राजनेता डोनाल्ड ट्रंप, नरेंद्र मोदी और...
नई दिल्ली: इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने हाल ही में वाशिंगटन में आयोजित कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में अपने वीडियो लिंक के जरिए वामपंथियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि वामपंथी राजनेता डोनाल्ड ट्रंप, नरेंद्र मोदी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिल्ले जैसे नेताओं को लोकतंत्र के लिए खतरा बताकर दोहरे मानक अपना रहे हैं। उनका कहना था कि जब ये नेता बात करते हैं तो उन्हें आलोचना का शिकार बनाया जाता है, जबकि 90 के दशक में बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर जैसे नेताओं को सम्मानित किया गया था।
ट्रंप, मोदी और मिल्ले को निशाना बनाना
मेलोनी ने अपने भाषण में कहा, "जब ट्रंप, मेलोनी, मिल्ले या मोदी बात करते हैं, तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा कहा जाता है। यह एक और दोहरा मापदंड है, लेकिन अब हम इसके आदी हो चुके हैं। अच्छे दिन की बात यह है कि लोग अब इन झूठों पर विश्वास नहीं करते, चाहे वे हम पर कितना भी कीचड़ उछालें। नागरिक हमें वोट देते रहते हैं।"
उनका कहना था कि वामपंथी अब घबराए हुए हैं और उनकी चिड़चिड़ाहट उन्माद में बदल चुकी है, क्योंकि रूढ़िवादी अब वैश्विक स्तर पर एकजुट होकर काम कर रहे हैं। वे मानते हैं कि 90 के दशक में जब क्लिंटन और ब्लेयर जैसे नेता वैश्विक वामपंथी नेटवर्क बना रहे थे, तो उन्हें राजनेता माना गया, लेकिन आज जब ऐसे ही नेता ट्रंप, मोदी और वे खुद बात करते हैं तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जाता है।
बैनन के विवादित भाषण पर मेलोनी का रुख
मेलोनी ने CPAC में अपने भाषण के दौरान स्टीव बैनन द्वारा दिए गए विवादास्पद भाषण पर भी प्रतिक्रिया दी। बैनन ने नाजी शैली की सलामी दी थी, जिसके कारण डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता एली श्लेन ने इसे "नव-फासीवादी सभा" करार दिया। हालांकि, मेलोनी ने इन आलोचनाओं को खारिज करते हुए खुद को रूढ़िवादी आंदोलन का हिस्सा बताया और यह स्पष्ट किया कि वे लोगों की सेवा करती हैं, उन पर शासन नहीं करतीं।
वैश्विक रूढ़िवादी आंदोलन
इटली की प्रधानमंत्री ने वैश्विक रूढ़िवादी आंदोलन पर जोर देते हुए कहा, "हम स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं। हम अपने राष्ट्रों से प्यार करते हैं। हम सुरक्षित सीमाएँ चाहते हैं। हम परिवार और जीवन की रक्षा करते हैं। हम वोकिज्म के खिलाफ लड़ते हैं। हम अपने विश्वास और अपनी स्वतंत्र अभिव्यक्ति के पवित्र अधिकार की रक्षा करते हैं।" उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष कठिन हो सकता है, लेकिन चुनाव सरल होते हैं। उनके अनुसार, यह आंदोलन केवल एक राजनीतिक विचारधारा नहीं, बल्कि एक समग्र दृष्टिकोण है जो पारंपरिक मूल्यों और नागरिकों की रक्षा करने के लिए खड़ा है।
सभ्यताओं के पतन को रोकने का आह्वान
मेलोनी ने अपने भाषण में सभ्यताओं के पतन को रोकने की बात भी की, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए दुनिया को मजबूत बनाया जा सके। उनका मानना था कि उन्हें इस लड़ाई में अकेले नहीं छोड़ा गया है और वे इस संघर्ष में अपने सहयोगियों के साथ खड़ी हैं।