Edited By Rohini Oberoi,Updated: 07 Feb, 2025 03:40 PM
HPV (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) एक ऐसा वायरस है जो अनप्रोटेक्टेड सेक्स की वजह से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। HPV के कारण कैंसर का खतरा बढ़ सकता है और महिलाओं में यह सर्विकल कैंसर का एक बड़ा कारण बनता है। पुरुषों में भी कई तरह के कैंसर का...
नेशनल डेस्क। HPV (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) एक ऐसा वायरस है जो अनप्रोटेक्टेड सेक्स की वजह से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। HPV के कारण कैंसर का खतरा बढ़ सकता है और महिलाओं में यह सर्विकल कैंसर का एक बड़ा कारण बनता है। पुरुषों में भी कई तरह के कैंसर का खतरा रहता है। अब HPV से बचने के लिए एक वैक्सीन उपलब्ध है जो खासतौर पर बचपन में लगवाई जाती है ताकि भविष्य में होने वाले कैंसर के खतरे को कम किया जा सके।
लेकिन HPV वैक्सीन को लेकर कई मिथक (गलत धारणाएँ) फैली हुई हैं। इन मिथकों को लेकर डॉक्टर नैंसी नागपाल ने कुछ अहम बातें साझा की हैं:
1. पहला मिथक: HPV वैक्सीन सुरक्षित नहीं है डॉक्टर नैंसी ने बताया कि HPV वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है। यह वैक्सीन शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुँचाती। हालांकि कभी-कभी इंजेक्शन की जगह पर दर्द, सूजन या रेडनेस हो सकती है जो कुछ समय में ठीक हो जाती है।
2. दूसरा मिथक: HPV वैक्सीन से इनफर्टिलिटी हो सकती है यह दावा बिलकुल गलत है। HPV वैक्सीन से किसी महिला की प्रेग्नेंट होने या बच्चा पैदा करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता। यह वैक्सीन कई तरह के कैंसर से बचाती है।
3. तीसरा मिथक: HPV वैक्सीन केवल लड़कियों के लिए है यह भी एक बड़ी गलतफहमी है। HPV वायरस दोनों को प्रभावित करता है – लड़के और लड़कियों दोनों को यह वैक्सीन लगवानी चाहिए। महिलाओं में यह सर्विकल कैंसर का कारण बन सकता है जबकि पुरुषों में यह एनल, पेनाइल और ऑरोफैरिंजियल (गले का कैंसर) कैंसर का कारण बन सकता है।
4. चौथा मिथक: HPV वैक्सीन सिर्फ सेक्सुअली एक्टिव लोगों के लिए जरूरी है यह भी गलत है। HPV वैक्सीन सबसे असरदार तब होती है जब इसे सेक्सुअली एक्टिव होने से पहले लगाया जाता है। इसलिए 9 से 15 साल के बीच लड़कों और लड़कियों को यह वैक्सीन लगवानी चाहिए। हालांकि यह 45 साल तक के लोगों को भी लगाई जा सकती है लेकिन सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद इसका असर कम हो सकता है।
5. पांचवां मिथक: यदि पैप स्मीयर टेस्ट कराते हैं तो HPV वैक्सीन की जरूरत नहीं है यह मिथक भी गलत है। पैप स्मीयर टेस्ट केवल यह पता करने के लिए किया जाता है कि सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) में कोई असामान्य या कैंसरस सेल्स तो नहीं हैं। यह कैंसर से नहीं बचाता। HPV वैक्सीन विशेष रूप से सर्विकल कैंसर के प्रमुख हाई-रिस्क HPV स्ट्रेन्स से सुरक्षा देती है। पैप स्मीयर टेस्ट और HPV वैक्सीन दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। महिलाओं को 21 साल के बाद पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए।
HPV से बचने के लिए वैक्सीनेशन और पैप स्मीयर टेस्ट दोनों जरूरी हैं। यह दोनों उपाय सर्विकल कैंसर और अन्य प्रकार के HPV से जुड़े कैंसर से बचाव में मदद करते हैं।