Edited By Rahul Singh,Updated: 06 Nov, 2024 07:10 PM
गेहूं का आटा हर रसोई में मौजूद होता है और इसे सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह विटामिन बी, मैग्नीशियम, आयरन जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
नई दिल्ली। गेहूं का आटा हर रसोई में मौजूद होता है और इसे सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह विटामिन बी, मैग्नीशियम, आयरन जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। रोजाना गेहूं की रोटी खाने से पाचन दुरुस्त रहता है और वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार गेहूं के आटे में भूसी मिलाई जाती है? इस मिलावट से आटे की गुणवत्ता कम हो जाती है और पोषक तत्वों को नुकसान पहुंचता है। भूसी में फाइबर जरूर होता है, लेकिन अगर यह खराब गुणवत्ता की हो, तो आटे का स्वाद और टेक्सचर दोनों खराब हो सकते हैं। इसके अलावा, इससे पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए, जरूरी है कि हम जो आटा खरीदें, वह शुद्ध हो। आइए जानते हैं कुछ आसान तरीके, जिनसे आप आटे में मिलावट की पहचान कर सकते हैं।
क्यों मिलाई जाती है भूसी आटे में?
शुद्ध गेहूं के आटे के मुकाबले भूसी सस्ती होती है, इसलिए व्यापारी इसे आटे में मिलाकर अपनी लागत कम करने की कोशिश करते हैं। इससे आटे का वजन भी बढ़ जाता है, जिससे उनका मुनाफा बढ़ता है। यह मिलावट इतनी छिपाकर की जाती है कि यह पहचानना मुश्किल हो जाता है।
कैसे पहचानें मिलावटी आटा?
FSSAI के अनुसार, आटे की शुद्धता जांचने का एक आसान तरीका है। सबसे पहले एक गिलास पानी लें और उसमें थोड़ा सा आटा डालें। अच्छे से मिला लें। अगर आटा शुद्ध है, तो पानी के ऊपर थोड़ी सी भूसी के छोटे-छोटे टुकड़े तैरते दिख सकते हैं। लेकिन अगर बहुत सारी भूसी पानी के ऊपर तैरने लगे, तो समझ जाएं कि आटे में ज्यादा भूसी मिलाई गई है।
मिलावटी आटा पाचन पर असर डाल सकता है
अगर आटे में ज्यादा भूसी मिलाई जाए, तो इससे आटे की पाचन क्षमता कम हो जाती है और इसके पोषक तत्व भी घट जाते हैं। मिलावटी आटे से बनी रोटी या ब्रेड का स्वाद भी खराब हो सकता है और उसकी बनावट घनी हो सकती है। इसके अलावा, अधिक भूसी का सेवन करने से गैस, सूजन और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं, खासकर उन लोगों को जिनकी पाचन तंत्र फाइबर से प्रभावित होता है।
इसलिए, यह जरूरी है कि हम शुद्ध आटा खरीदें और आटे में मिलावट की पहचान करें ताकि हम अपनी सेहत का ख्याल रख सकें।