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कनाडा में भारतीय राजनियकों की हत्या का खतरा, खालिस्तानियों की "किल इंडिया" रैली की तैयारी

Edited By Tanuja,Updated: 08 Oct, 2023 03:22 PM

canada assassination posters back in surrey

खालिस्तानी समर्थक कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में पोस्टर लगाकर 3 भारतीय राजनयिकों संजय कुमार वर्मा (उच्चायुक्त), मनीष (महावाणिज्यदूत) और अपूर्व श्रीवास्तव (महावाणिज्यदूत) की हत्या की मांग कर रहे हैं।  उन्होंने सरकार के कहने के बाद भी गुरुद्वारे पर...

इंटरनेशनल डेस्कः  खालिस्तान मुद्दे पर कनाडा और भारत के बीच चल रहा विवाद थम नहीं रहा है। कनाडा सरकार भारत विरोधी गतिविधियां कर रहे खालिस्तानी समर्थकों को रोकने में असफल रही है। काली सूची में डाले गए आतंकवादी कनाडा की शरण में  भारत के खिलाफ हिंसक गतिविधियां कर रहे हैं। ट्रूडो सरकार के कहने पर भी खालिस्तानी समर्थकों ने गुरु नानक सिख गुरुद्वारा सर्रे से विवादित पोस्टर अभी तक नहीं हटाए हैं। यही नहीं भारतीय राजनयिकों की जान पर खतरा मंडरा रहा है क्योंकि  खालिस्तान समर्थक अब भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाना चाहते  हैं। 

खालिस्तानी समर्थक कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में पोस्टर लगाकर 3 भारतीय राजनयिकों संजय कुमार वर्मा (उच्चायुक्त), मनीष (महावाणिज्यदूत) और अपूर्व श्रीवास्तव (महावाणिज्यदूत) की हत्या की मांग कर रहे हैं।  उन्होंने सरकार के कहने के बाद भी गुरुद्वारे पर पोस्टर दोबारा लगाए हैं। ये वही गुरुद्वारा है, जिसका अध्यक्ष आतंकी हरदीप सिंह निज्जर था। इसी गुरुद्वारे के सामने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी।  खालिस्तानी समर्थकों ने 21 अक्टूबर को वैंकूवर में भारतीय दूतावास के बाहर "किल इंडिया" के बैनर तले एक कार रैली आयोजित करने की योजना  भी बनाई है। इसके बाद 28 अक्टूबर को जनमत संग्रह भी करवाया जा रहा है। जिसमें सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के कहने पर सिख चरमपंथी हिस्सा लेंगे।
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खालिस्तानी समर्थकों ने सितंबर में ये पोस्टर  लगाए थे और अधिकारियों के आदेश के बाद उन्हें हटा दिया गया था। लेकिन अब यहां दोबारा ये पोस्टर लगा दिए गए हैं और सरकार उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई भी नहीं कर रही है।   सड़क पर लगे इन पोस्टरों  पर मोटे अक्षरों में "असैसिनेशन" लिखा हुआ है। कनाडा की जनता आते-जाते इन पोस्टरों को साफ तौर पर देख सकती है। ट्रूडो सरकार खालिस्तानी आतंकवादियों के गलत कामों के प्रति असंवेदनशील हो गई है और कोई एक्शन नहीं ले रही है। कनाडा सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि कोई चरमपंथी संगठन किसी राजनयिक की हत्या की मांग कर सकता है? हत्या कानूनी कैसे हो सकती है? और कनाडा सरकार ये सब कैसे और क्यों बर्दाश्त  कर रही है? क्या सरकार को गुरुद्वारे के बाहर लगे पोस्टर नहीं दिख रहे हैं।

 

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