Canada में अब Work Permit वालों पर सख्ती, PR में अब LMIA धारकों के नंबर नहीं जुड़ेंगे

Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Nov, 2024 09:11 AM

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कनाडा ने अपने इमीग्रेशन सिस्टम में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जो वर्क परमिट धारकों और उनके स्थायी निवास (PR) आवेदन पर असर डालेगा। अब से लेबर मार्केट इंपैक्ट असेसमेंट (LMIA) धारकों को एक्सप्रेस एंट्री के तहत पीआर प्राप्त करने के लिए दिए जाने...

नेशनल डेस्क: कनाडा ने अपने इमीग्रेशन सिस्टम में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जो वर्क परमिट धारकों और उनके स्थायी निवास (PR) आवेदन पर असर डालेगा। अब से लेबर मार्केट इंपैक्ट असेसमेंट (LMIA) धारकों को एक्सप्रेस एंट्री के तहत पीआर प्राप्त करने के लिए दिए जाने वाले अतिरिक्त 50 अंकों का लाभ नहीं मिलेगा। इस फैसले से खासकर उन व्यक्तियों पर असर पड़ेगा, जो पहले एलएमआईए खरीद कर कनाडा में काम करने आए थे और स्थायी निवास का सपना देख रहे थे।

 वहीं, इस बदलाव के कारण उन हजारों भारतीयों, खासकर पंजाबी समुदाय के लोगों, को बड़ा झटका लग सकता है, जो एलएमआईए (लेबर मार्केट इंपैक्ट असेसमेंट) के जरिए कनाडा में काम करने के साथ पीआर का सपना देख रहे थे।

कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने हाल ही में LMIA  के माध्यम से पहले दिए गए 50 अंकों को हटाने का ऐलान किया है, जिससे अब इस प्रक्रिया का फायदा उठाकर पीआर पाने की संभावना पर बड़ा असर पड़ेगा। एलएमआईए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जिसे कनाडा में नियोक्ता को किसी विदेशी कर्मचारी को काम पर रखने से पहले प्राप्त करना होता है। इस दस्तावेज़ से यह प्रमाणित होता है कि किसी कनाडाई नागरिक या स्थायी निवासी को उस पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।

कनाडा के सिस्टम में बदलाव और इसके प्रभाव
कनाडा में वर्क परमिट के तहत काम करने वाले विदेशी श्रमिकों के लिए यह नया बदलाव चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि पहले एलएमआईए के जरिए 50 अतिरिक्त अंक मिलते थे, जो एक्सप्रेस एंट्री के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों के Comprehensive Ranking System (CRS) स्कोर को बढ़ाते थे। इससे पीआर प्राप्त करने की संभावनाएं बढ़ जाती थीं। लेकिन अब एलएमआईए के अंक हटाए जाने से CRS स्कोर में कमी आ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप इन आवेदकों को स्थायी निवास प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।

पंजाबी समुदाय पर विशेष प्रभाव
पंजाबी समुदाय, खासकर पंजाब से आए लोग, लंबे समय से इस सिस्टम का जमकर फायदा उठा रहे थे। टूरिस्ट वीजा पर कनाडा पहुंचे लोग, बाद में एलएमआईए खरीदकर वर्क परमिट पर कनाडा में काम करने आते थे। एक एलएमआईए को 25-30 लाख रुपये के बीच बेचा जाता था। इस व्यवस्था का फायदा यह था कि वर्क परमिट धारक अपनी पत्नी और बच्चों को भी कनाडा ला सकते थे और उनके बच्चों की शिक्षा मुफ्त होती थी, साथ ही पत्नी को भी वर्क परमिट मिल जाता था।

पिछले साल, कनाडा सरकार ने 60,000 से ज्यादा एलएमआईए जारी किए थे, जिनमें से अधिकांश पंजाबी समुदाय से थे। इनमें से 8,289 एलएमआईए कृषि श्रमिकों के लिए थे, और 994 एलएमआईए घरों के निर्माण के लिए जारी किए गए थे। इस बदलाव के बाद, जिन लोगों ने एलएमआईए के जरिए अपना CRS स्कोर बढ़ाया था, उन्हें अब नए रास्ते तलाशने की जरूरत होगी।

कनाडा छोड़ने का जोखिम
कनाडा सरकार के इस निर्णय से प्रभावित होने वाले उम्मीदवारों को अब अपने CRS स्कोर को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक तरीके ढूंढ़ने होंगे। कनाडा के एडमिंटन निवासी परविंदर मोंटू ने बताया कि उन्होंने एलएमआईए अंकों के सहारे अपने CRS स्कोर को बढ़ाया था, और अब उन्हें इस बदलाव के बाद नए विकल्पों की तलाश करनी होगी। इस बदलाव से उन उम्मीदवारों को पीआर के लिए आवेदन करते समय बड़ा नुकसान हो सकता है, क्योंकि उनके स्कोर में कमी आएगी और उनका कनाडा में स्थायी निवास पाने का सपना टूट सकता है।

यह बदलाव उन हजारों भारतीयों के लिए एक नई चुनौती पेश करेगा, जिन्होंने पहले इस मार्ग का इस्तेमाल करके कनाडा में काम करने और स्थायी निवास की उम्मीदें लगाई थीं।


 

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