Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Jul, 2023 10:15 AM
कनाडा के टोरंटो में भारतीय समुदाय और खालिस्तानी समर्थक आमने-सामने आ गए। भारतीय समुदाय के लोगों ने खालिस्तानियों को करारा जवाब देते हुए उनके सामने बड़ी शान से तिरंगा लहराया।
नेशनल डेस्क: कनाडा के टोरंटो में भारतीय समुदाय और खालिस्तानी समर्थक आमने-सामने आ गए। भारतीय समुदाय के लोगों ने खालिस्तानियों को करारा जवाब देते हुए उनके सामने बड़ी शान से तिरंगा लहराया। पिछले कुछ दिनों से UK, USA और कनाडा में भारतीयों दूतावासों के बाहर खालिस्तानी समर्थकों का प्रदर्शन और तोड़फोड़ का सिलसिला जारी है। इस बार भारतीय समुदाय ने कनाडा में एकजुट होकर खालिस्तानियों को जवाब दिया और तिरंगा लहराया।
कनाडा में जब खालिस्तानी समर्थक खुद का झंडा लेकर रैली निकाल रहे थे, तब उनके सामने भारतीय समुदाय आ गया और तिरंगा झंडा लहराकर जवाब दिया। भारत माता की जय, हर-हर महादेव और वंदे मातरम के नारे लगाए. खालिस्तानी समर्थक बड़ी संख्या में गाड़ियों से निकले थे. बड़े-बड़े बैनर पोस्टर में भारतीय राजनयिकों के फोटो भी लगाए गए थे. डिप्लोमेट संजय कुमार वर्मा की फोटो भी शामिल थी।
बता दें कि 8 जुलाई को भी खालिस्तानी समर्थकों ने लंदन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा समेत कुछ देशों में भारत के खिलाफ रैली निकाली, जिसको 'Kill india rally' नाम दिया गया। लंदन में इस मार्च को खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पम्मा ने लीड किया। इस तरह के घटनाक्रमों पर NIA की भी पूरी नजर है। NIA ने अब तक 6 देशों में शिकंजा कसा है, ऐसे लोगों की हिट लिस्ट भी तैयार की गई है, उसमें सबसे ऊपर SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम भी शामिल है। पन्नू समेत अन्य खालिस्तान समर्थकों पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की भी नजर है।
सिख कम्युनिटी ने जारी किया संदेश
वहीं सिख कम्युनिटी ने भी इकट्ठे होकर संदेश जारी किया कि विदेशों में जो पूरी सिख कम्युनिटी है, वो खालिस्तानी नहीं है। कुछ लोग ही हैं जो ऐसे भड़का रहे हैं, यही वजह है कि भारतीय समुदाय जो पोस्टर लेकर पहुंचे थे, उनमें साफ लिखा भी है- हर कोई खालिस्तानी नहीं है। कनाडा में भारतीय समुदायों ने खालिस्तान समर्थकों को ठीक वैसे ही जवाब दिया। भारत और कनाडा सरकार के साथ खड़े हैं। खालिस्तानी समर्थकों की संख्या बहुत कम है. हर कोई खालिस्तानी नहीं है।
क्या हैं खालिस्तानियों के आरोप?
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत में भारतीय एजेंसियों का हाथ है,जिसके बाद से उन्होंने प्रदर्शन का आह्वान किया था। हालांकि कनाडा पुलिस इस बात से पहले ही इनकार कर चुकी है। पुलिस और सरकार का कहना है कि मामले में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप की आशंका नहीं है और इसकी जांच अभी जारी है।
पन्नू ने खाई है निज्जर की मौत का बदला लेने की कसम
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पन्नू ने अपने सहयोगी खालिस्तान टाइगर फोर्स (के.टी.एफ.) के प्रमुख आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का बदला लेने की कसम खाई है, जिसकी 19 जून, 2023 को कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पन्नू ने कहा है कि हरदीप निज्जर मेरा छोटे भाई था और हमारा 20 साल से अधिक पुराना रिश्ता था। हम उसकी मौत का बदला लेंगे। पन्नू ने किल इंडिया के पोस्टरों को जारी करने की भी जिम्मेदारी ली है। पन्नू ने धमकी देते हुए कहा है कि हम 15 अगस्त से पहले हर उस देश में जहां भारतीय मिशन है, इन राजनयिकों के 'वांछित' पोस्टर लगाने जा रहे हैं। उसने कहा है कि हमारे प्रचारक 35 से अधिक देशों में हैं। हम दुनिया भर में बैनर और पोस्टर लगाएंगे। पन्नू ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त को फिर से भारतीय राजनयिकों के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है। पन्नू ने कहा है कि एस.जे.एफ. अब "किल इंडिया" के पोस्टर के बाद एक नया पोस्टर जारी करने जा रही है, जिस पर लिखा होगा ' भारतीय मिशन - आतंक का घर'।
भारतीयों पर खालिस्तानियों ने किया हमले का प्रयास
टोरंटों में "किल इंडिया" प्रदर्शन के दौरान भारतीय समर्थकों और खालिस्तानियों में टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय समर्थकों पर हमला करने का भी प्रयास किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संख्या में कम होने के बावजूद भारत समर्थक प्रदर्शनकारी खालिस्तान समर्थक समूह द्वारा किए गए हमले के प्रयास के सामने दृढ़ बने रहे। एक भारतीय समर्थक ने खालिस्तानियों द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन का विरोध करने का आरोप लगाया। इस झड़प ने खालिस्तान आंदोलन के भीतर हिंसक प्रवृत्तियों को उजागर किया है। बताया जा रहा है कि एक खालिस्तानी समर्थक ने घेराबंदी को तोड़ कर भारतीय समर्थकों की ओर बढ़ने की कोशिश की तो उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान एक अन्य व्यक्ति ने भी पुलिस पर हमला करने की कोशिश की जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बाद में दोनों के बिना किसी आरोप के रिहा कर दिया गया।
खालिस्तानियों की जैकेट पर थी एके- 47 की तस्वीर
खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के हाथों में मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के पोस्टर थे, जिसकी हाल ही में ब्रिटिश कोलंबिया के सरी में हत्या कर दी गई थी। पोस्टरों में हत्या के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में 16 जुलाई को होने वाले तथाकथित पंजाब जनमत संग्रह का भी प्रचार किया। कुछ प्रदर्शनकारियों की जैकेट पर एके- 47 की तस्वीर थी और उस पर "खालिस्तान गणराज्य" भी लिखा था
भारत लगा चुका है कनाडा पर खालिस्तानियों के समर्थन का आरोप
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के विरोध प्रदर्शनों और राजनयिकों के खिलाफ हिंसा की धमकियों के बीच भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव नजर आने लगा है। भारत ने अमरीका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में भी खालिस्तान समर्थक तत्वों को दिए जा रहे कथित समर्थन का मुद्दा भी उठाया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने खालिस्तानी समर्थकों के प्रदर्शन से पहले कनाडा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ये अभिव्यक्ति की आजादी का सवाल नहीं है।
अभिव्यक्ति की आजादी आतंकवाद का समर्थन करना नहीं
भारत का आरोप है कि अभिव्यक्ति की आजादी इस्तेमाल हिंसा, अलगाववाद और आतंकवाद को सही ठहराने के लिए किया जा रहा है। हालांकि भारत के खिलाफ प्रदर्शनों और राजनयिकों को हिंसा का शिकार बनाने की अपील करने वालों से जुड़े सवालों पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उनकी सरकार ने हमेशा से हिंसा और धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया है। उनका कहना था कि कनाडा ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है। ट्रूडो भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान पर टिप्पणी कर रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि कनाडा में खालिस्तानियों की हरकतें इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि वो वोट बैंक की सियासत का हिस्सा था।