Edited By Tanuja,Updated: 12 Aug, 2024 06:57 PM
बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा में तीव्र वृद्धि देखी गई है। राजनीतिक उथल-पुथल के...
International Desk: बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा में तीव्र वृद्धि देखी गई है। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, हिंदुओं के घरों, दुकानों, और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। इन घटनाओं से न केवल बांग्लादेश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आक्रोश फैल गया है। कनाडा में बसे बांग्लादेशी हिंदुओं ने इस हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।
टोरंटो में विशाल विरोध प्रदर्शन
रविवार, 11 अगस्त को कनाडा के शहर टोरंटो में हजारों हिंदू प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। इस प्रदर्शन में हिंदुओं के अलावा ईसाई और यहूदी समुदाय के लोग भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से अपील की कि वे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर दबाव डालें ताकि वहां के हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। 'हिंदुओं की रक्षा करो' और 'हमें इंसाफ चाहिए' जैसे नारों के साथ प्रदर्शनकारियों ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं।
अमेरिका और ब्रिटेन में भी समर्थन
बांग्लादेश में हो रही हिंसा के विरोध में न केवल कनाडा, बल्कि अमेरिका (US) और ब्रिटेन (UK) में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। 10 अगस्त को न्यूयॉर्क और लंदन में सैकड़ों हिंदू प्रदर्शनकारियों ने एकजुट होकर विरोध किया। लंदन में हाउस ऑफ पार्लियामेंट के बाहर प्रदर्शनकारियों ने 'हिंदू लाइफ मैटर्स' के नारे लगाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। इन प्रदर्शनों में मानवाधिकार संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए, जिन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की।
संयुक्त राष्ट्र (UN) के सामने विरोध प्रदर्शन
ब्रिटेन और अमेरिका के अलावा, संयुक्त राष्ट्र संघ के हेडक्वार्टर के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किए गए। इन प्रदर्शनों में विभिन्न समुदायों और मानवाधिकार संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों पर हमलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैनर और प्लेकार्ड के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की।
बांग्लादेश में 52 जिलों में 205 हमले
बांग्लादेश में हिंसा के बीच हिंदू समुदाय पर हमलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले के अब तक 205 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का पैमाना कितना व्यापक हो गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंसा और भी अधिक बढ़ गई है, जिसमें हिंदू समुदाय के कई प्रमुख नेताओं को निशाना बनाया गया है।
ढाका और चिटगांव में भी उग्र प्रदर्शन
शनिवार को बांग्लादेश के प्रमुख शहरों ढाका और चिटगांव में भी हजारों हिंदू प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर अपने घरों, दुकानों, और मंदिरों पर हो रहे हमलों का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे और हिंसा के खिलाफ इंसाफ की मांग करते रहेंगे। 'देश सभी नागरिकों का है' जैसे नारों के साथ, उन्होंने पूछा कि आखिर क्यों हिंदुओं के घर और मंदिर लूटे जा रहे हैं। इन प्रदर्शनों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए, जिन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई।
मोहम्मद यूनुस की युवाओं को आगे आने की अपील
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के हेड मोहम्मद यूनुस ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की। बेगम रोकेया यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "अल्पसंख्यकों पर हमले करना एक जघन्य अपराध है। हिंदू, ईसाई, और बौद्ध समुदाय के लोगों की सुरक्षा बांग्लादेश के युवाओं की जिम्मेदारी है। हमें एकजुट होकर इन हमलों का विरोध करना होगा और देश में शांति बनाए रखनी होगी।" उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बांग्लादेश अब युवाओं के हाथ में है और उन्हें देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।