Edited By Anu Malhotra,Updated: 22 Nov, 2024 10:31 AM
कनाडा सरकार ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को कनाडा में आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने का कोई दावा नहीं किया है, और न ही ऐसा...
नेशनल डेस्क: कनाडा सरकार ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को कनाडा में आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने का कोई दावा नहीं किया है, और न ही ऐसा कोई सबूत उसके पास है।
कनाडा के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नथाली जी. ड्रूइन के बयान में कहा गया, "कनाडा सरकार ने ऐसा कोई दावा नहीं किया है, और न ही उसके पास ऐसा कोई सबूत है, जो प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या एनएसए डोभाल को कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधियों से जोड़ता हो।" उन्होंने कहा कि इस तरह के किसी भी आरोप को "अटकलबाजी और असत्य" के रूप में देखा जाना चाहिए।
कनाडा के गंभीर आरोप
बयान में यह भी कहा गया कि 14 अक्टूबर को, "सार्वजनिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण और चल रहे खतरे" के कारण, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) और अधिकारियों ने भारत सरकार के एजेंटों द्वारा कनाडा में कथित गंभीर आपराधिक गतिविधियों के सार्वजनिक आरोप लगाने का असाधारण कदम उठाया।
यह बयान 20 नवंबर को भारत द्वारा एक रिपोर्ट को कड़े शब्दों में खारिज करने के बाद आया, जिसमें कनाडा स्थित ग्लोब एंड मेल अखबार ने एनआईए द्वारा आतंकवादी घोषित हरदीप निज्जर की मौत को प्रधानमंत्री मोदी, एस. जयशंकर और अजीत डोभाल से जोड़ने की कोशिश की थी।
भारत का कड़ा जवाब
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इन आरोपों को "नीच और बेबुनियाद" करार देते हुए कहा कि यह हमारे पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और खराब करने का काम करते हैं। MEA के प्रवक्ता रंधीर जयवाल ने कहा, "हम आमतौर पर मीडिया रिपोर्ट्स पर टिप्पणी नहीं करते। लेकिन, कनाडा सरकार के एक सूत्र द्वारा अखबार को दिए गए ऐसे हास्यास्पद बयान को तिरस्कार के साथ खारिज कर देना चाहिए। ऐसे दुष्प्रचार हमारे पहले से खराब संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं।"
भारत-कनाडा के रिश्तों पर प्रभाव
गौरतलब है कि हालिया घटनाक्रम ने भारत और कनाडा के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना दिया है। भारतीय अधिकारियों ने इसे "दुर्भावनापूर्ण प्रचार" बताया है, जिसका उद्देश्य केवल दोनों देशों के रिश्तों को बिगाड़ना है।