कनाडा में मंदिरों में कौंसुलर कैंप रद्द होने पर हिंदू समुदाय में आक्रोश

Edited By Tanuja,Updated: 12 Nov, 2024 02:04 PM

canadians feel unsafe coming to hindu temples

कनाडा के हिंदू मंदिरों में इस सप्ताहांत होने वाले दो कौंसुलर कैंप सुरक्षा कारणों के चलते रद्द कर दिए गए हैं। ये कैंप ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में स्थित ब्रैम्पटन के त्रिवेणी मंदिर और कम्युनिटी सेंटर में 16 नवंबर को...

Toronto: कनाडा के हिंदू मंदिरों में इस सप्ताहांत होने वाले दो कौंसुलर कैंप सुरक्षा कारणों के चलते रद्द कर दिए गए हैं। ये कैंप ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में स्थित ब्रैम्पटन के त्रिवेणी मंदिर और कम्युनिटी सेंटर में 16 नवंबर को और टोरंटो स्थित काली बाड़ी मंदिर में 17 नवंबर को आयोजित किए जाने थे। हाल ही में ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमले के बाद इन आयोजनों को रद्द करने का निर्णय लिया गया। इस घटना के बाद कनाडा में हिंदू समुदाय के बीच गहरी चिंता और रोष देखने को मिल रहा है। समुदाय के सदस्यों का कहना है कि आस्था के केंद्रों में भी जाने में अब वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

 
त्रिवेणी मंदिर की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि पील रीजनल पुलिस को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार यहां बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन की धमकी दी गई थी, जिसके चलते इन कौंसुलर कैंपों को रद्द करने का फैसला किया गया। बयान में कहा गया कि इस स्थिति को देखते हुए हम बहुत दुखी हैं कि अब कनाडा के हिंदू अपने धार्मिक स्थलों पर जाने से भी डरने लगे हैं। इसी तरह, टोरंटो स्थित काली बाड़ी मंदिर के ट्रस्टियों ने भी कैंप रद्द करने की पुष्टि की और कहा कि हिंदू सभा में हुई हिंसा के बाद से मंदिर प्रशासन अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है।

 
काउंसुलर कैंप्स रद्द करने का निर्णय इसलिए भी लिया गया क्योंकि अलगाववादी समूह 'सिख्स फॉर जस्टिस' ने इन आयोजनों को सार्वजनिक रूप से ऑनलाइन नोटिस के माध्यम से निशाना बनाया था। समूह ने इन कौंसुलर कैंपों का आयोजन करने वाले मंदिरों की पहचान की थी और उन्हें लेकर उकसाने वाले बयान दिए थे, जिससे हिंदू समुदाय के बीच भय का माहौल बना हुआ है।पिछले सप्ताह टोरंटो स्थित भारतीय काउंसुलेट ने भी अपने कुछ कौंसुलर कैंप्स को रद्द करने की घोषणा की थी। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी कर बताया कि स्थानीय सुरक्षा एजेंसियां समुदाय के कैंप आयोजकों की सुरक्षा को लेकर हाथ खड़े कर चुकी हैं, जिसके कारण इन कैंपों को रद्द करना पड़ा। यह कैंप विशेषकर बुजुर्ग नागरिकों की सुविधा के लिए आयोजित किए जा रहे थे, ताकि उन्हें पेंशनर लाइफ सर्टिफिकेट जैसी सेवाएं उनके घरों के नजदीक उपलब्ध कराई जा सकें।

 
विश्व जैन संगठन, कनाडा ने इन कैंपों के रद्द होने को निंदनीय बताते हुए कहा कि कनाडा की पुलिस और नेता हिंदू समुदाय की सुरक्षा करने में असफल रहे हैं। इसके अतिरिक्त, नॉर्थ अमेरिका की हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका (कोहना) की कनाडाई शाखा ने बयान जारी कर कहा कि यह कनाडा के लिए शर्मनाक स्थिति है कि उसकी पुलिस हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा करने के बजाय चरमपंथी धमकियों के आगे झुकती नजर आ रही है। संगठन का कहना है कि हिंसक धमकियों के कारण धार्मिक आयोजनों को रद्द करना हिंदू कनाडाई नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है और इससे अविश्वास का माहौल बनता है।कनाडा में हिंदू समुदाय के संगठन ‘हिंदू कम्युनिटी ऑफ कनाडा’ ने सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों से तत्काल प्रभाव से सुरक्षा और शांति बहाल करने की अपील की है। संगठन ने सवाल किया कि बढ़ते खतरों का सामना करने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी और किस प्रकार हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। 

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