Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Feb, 2025 11:33 AM
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कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा अब जन्म से पहले ही पहचाना जा सकेगा। अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक नए शोध में दावा किया गया है कि व्यक्ति के जन्म से पहले ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उसे भविष्य में कैंसर होने की कितनी संभावना है।
न्यूयॉर्क: कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा अब जन्म से पहले ही पहचाना जा सकेगा। अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक नए शोध में दावा किया गया है कि व्यक्ति के जन्म से पहले ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि उसे भविष्य में कैंसर होने की कितनी संभावना है।
नेचर कैंसर जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने दो अलग-अलग एपिजेनेटिक कंडिशंस की पहचान की है, जो यह संकेत दे सकती हैं कि व्यक्ति में कैंसर का खतरा कम है या ज्यादा। एपिजेनेटिक्स डीएनए में बदलाव किए बिना ही जीन की गतिविधियों को नियंत्रित करता है, जिससे कैंसर के जोखिम को समझना आसान हो सकता है।
कैंसर के रिस्क फैक्टर:
कम जोखिम वाली कंडिशन: ऐसे लोगों में ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) और अन्य लिक्विड ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है।
ज्यादा जोखिम वाली कंडिशन: इन लोगों में फेफड़ों (लंग) और प्रोस्टेट कैंसर जैसे सॉलिड ट्यूमर का खतरा ज्यादा होता है।
चूहों पर हुआ सफल परीक्षण
मिशीगन के वैन एंडेल इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने चूहों पर प्रयोग किया और पाया कि TRIM-28 जीन का स्तर कम होने पर कैंसर से जुड़े जीन में दो अलग-अलग पैटर्न दिखे। ये पैटर्न जन्म से पहले ही विकसित हो जाते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, हर असामान्य कोशिका कैंसर में नहीं बदलती, लेकिन इससे कैंसर की आशंका को समझने में मदद मिलती है।
कैंसर की जल्द पहचान और इलाज में मदद
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह खोज भविष्य में कैंसर की समय रहते पहचान और उसके इलाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। इससे डॉक्टर मरीजों के लिए पहले से ही एहतियाती उपाय और उपचार निर्धारित कर सकेंगे, जिससे जान बचाने की संभावनाएं बढ़ेंगी।