Edited By Parminder Kaur,Updated: 03 Nov, 2024 02:10 PM
भारत में रोजगार की वृद्धि पूंजी गहन क्षेत्रों में श्रम गहन क्षेत्रों की तुलना में अधिक हुई है, यह जानकारी एक Goldman Sachs की रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, पूंजी गहन उद्योगों ने निर्यात में भी अच्छी वृद्धि की है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स,...
नेशनल डेस्क. भारत में रोजगार की वृद्धि पूंजी गहन क्षेत्रों में श्रम गहन क्षेत्रों की तुलना में अधिक हुई है, यह जानकारी एक Goldman Sachs की रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, पूंजी गहन उद्योगों ने निर्यात में भी अच्छी वृद्धि की है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और फार्मास्यूटिकल उत्पादों के निर्माण में। पिछले दस वर्षों में रासायनिक उत्पादों और मशीनरी जैसे पूंजी गहन उप-क्षेत्रों ने निर्यात और रोजगार दोनों में काफी वृद्धि देखी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि "पिछले 10 वर्षों में पूंजी गहन उप-क्षेत्रों ने श्रम गहन क्षेत्रों जैसे वस्त्र, खाद्य और पेय पदार्थों की तुलना में औसतन अधिक रोजगार वृद्धि की है।"
हालांकि, रिपोर्ट बताती है कि पूंजी गहन क्षेत्रों की वृद्धि के बावजूद श्रम गहन क्षेत्रों में अधिक नौकरियां हैं। लगभग 67 प्रतिशत निर्माण नौकरियां श्रम गहन क्षेत्रों जैसे वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण और फर्नीचर में हैं। FY22 के अंत तक संगठित निर्माण क्षेत्र में 17 मिलियन श्रमिक कार्यरत थे, जो कुल निर्माण क्षेत्र का 28 प्रतिशत है।
सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं मुख्य रूप से पूंजी गहन उद्योगों के लिए हैं, लेकिन हाल में श्रम गहन क्षेत्रों का भी समर्थन किया गया है। इसमें वस्त्र, फुटवियर, खिलौने और चमड़े के उत्पाद शामिल हैं, जो आमतौर पर ज्यादा श्रमिकों की जरूरत होती है।
श्रम गहन क्षेत्र में खाद्य उत्पाद और वस्त्र शामिल हैं। यह सबसे बड़े रोजगारदाता हैं, जो क्रमशः 11 प्रतिशत और 10 प्रतिशत रोजगार का हिस्सा रखते हैं। निर्माण क्षेत्र भी एक महत्वपूर्ण रोजगार उत्पन्न करने वाला क्षेत्र है, जो लगभग 13 प्रतिशत कार्यबल को रोजगार देता है। पिछले निर्माण चक्र (2004-2008) में 40 प्रतिशत नई नौकरियां इसी क्षेत्र में बनी थीं।
सेवा क्षेत्र में व्यापार सेवाएं और खुदरा व्यापार ने वृद्धि दिखाई है, जो कुल रोजगार का 34 प्रतिशत है। हालांकि, FY23 में यह प्रतिशत क्षेत्र के सकल मूल्य वर्धन (GVA) में 54 प्रतिशत के योगदान से कम है। खुदरा और थोक व्यापार में भी कई नौकरियां हैं और व्यवसाय एवं परिवहन सेवाओं में भी वृद्धि हो रही है।
तकनीकी विकास और ई-कॉमर्स के बढ़ने से खुदरा क्षेत्र में बदलाव आया है, जिससे लगभग 41 प्रतिशत ऑफलाइन विक्रेताओं ने ऑनलाइन जाने पर नए नौकरी के मौके बनाए हैं। इस बदलाव ने देश में डिजिटल कौशल, लॉजिस्टिक्स और गोदामों के कामकाज की मांग बढ़ाई है। IT उद्योग ने भी व्यवसाय सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। NASSCOM के अनुसार, भारत के IT उद्योग ने FY23 तक 245 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व प्राप्त किया, जो देश के नाममात्र GDP का लगभग 7 प्रतिशत है। पिछले आठ वर्षों में IT उद्योग ने लगभग 1.9 मिलियन नौकरियों का सृजन किया, जिससे कुल कार्यबल लगभग 5.4 मिलियन हो गया है।