Edited By rajesh kumar,Updated: 24 Nov, 2023 03:06 PM
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जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुए एनकाउंटर में कैप्टेन एमवी प्रांजल बुधवार को शहीद हो गए थे। कैप्टन प्रांजल ने आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। कैप्टन प्रांजल 63 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे और इस तरह देश की सेवा करते हुए कैप्टन प्रांजल...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हुए एनकाउंटर में कैप्टेन एमवी प्रांजल बुधवार को शहीद हो गए थे। कैप्टन प्रांजल ने आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। कैप्टन प्रांजल 63 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे और इस तरह देश की सेवा करते हुए कैप्टन प्रांजल अमर हो गए। वहीं कैप्टन प्रांजल ने बुधवार को ही अपनी पत्नी से आखिरी बार फोन पर बात की थी।
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28 साल की उम्र में हुए शहीद
कर्नाटक में रहने वाले कैप्टन प्रांजल 28 साल की उम्र में शहीद हो गए। वह मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के पूर्व निदेशक श्री वेंकटेश और श्रीमती अनुराधा के इकलौते बेटे थे। कैप्टन प्रांजल ने अपनी स्कूली शिक्षा दक्षिण कन्नड़ जिले के सूरतकल में हासिल की थी।
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पत्नी से की आखिरी बात
कैप्टन प्रांजल की शादी 2 साल पहले बेंगलुरु की अदिति से हुई थी। जिसके बाद कैप्टन प्रांजल की तैनाती कश्मीर में हुई थी। वहीं पत्नी अदिति से अंतिम बार बुधवार को उनकी आखिरी बार बात हुई, फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा था कि वो ऑपरेशन के लिए जा रहे हैं और सब ठीक रहा तो वह गुरुवार को फिर से बात कर पाएंगे।
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दिसंबर में होनी थी मेजर पद पर प्रमोशन
वहीं, 9 दिसंबर को कैप्टन प्रांजल को मेजर के पद पर पदोन्नति (promotion) मिलनी थी। बेटे को याद करते हुए उनके पिता ने बताया कि प्रांजल का बचपन से ही सपना एयरफोर्स में पायलट बनने का था। लेकिन लंबाई की वजह से मेरे बेटे का यह सपना पूरा नहीं हो सका। हालांकि उसके बाद 2014 में वह सेना में शामिल हो गया।
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36 घंटे चली मुठभेड़
जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार को जम्मू कश्मीर में 5 जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। आतंकियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में ये जवान शहीद हो गए, जिनमें 2 कैप्टन भी थे। राजौरी में 36 घंटे चली इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर भी शामिल है।