Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Feb, 2025 05:09 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने पांच साल में पहली बार रेपो रेट में 0.25% की कटौती करने का ऐलान किया है। इस फैसले से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई में कमी आएगी, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।
नेशनल डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने पांच साल में पहली बार रेपो रेट में 0.25% की कटौती करने का ऐलान किया है। इस फैसले से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ईएमआई में कमी आएगी, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।
लोन पर EMI में कितना असर?
उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति ने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए लिया है और मौजूदा ब्याज दर 8.50% सालाना है, तो उसकी मौजूदा EMI करीब 26,035 रुपये होगी। इस दर पर कुल ब्याज 32,48,327 रुपये चुकाना होगा, जिससे कुल भुगतान 62,48,327 रुपये बनता है।
रेपो रेट में कटौती के बाद ब्याज दर घटकर 8.25% हो जाएगी, जिससे EMI घटकर 25,562 रुपये हो जाएगी। इस बदलाव के कारण कुल ब्याज 31,34,873 रुपये रहेगा और कुल भुगतान घटकर 61,34,873 रुपये होगा।
कैसे मिलेगी ज्यादा बचत?
बैंकबाजार की रिपोर्ट के अनुसार, जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, वे 0.50% तक कम ब्याज दर पर लोन को रिफाइनेंस कर सकते हैं। इस तरह, यदि कोई व्यक्ति अपने लोन को 8.25% ब्याज दर पर स्थिर रखता है, तो वह प्रति लाख रुपये पर लगभग 14,480 रुपये की बचत कर सकता है, जो कुल मिलाकर लगभग 15% की बचत होगी।
अगर लोन की 12 EMI चुकाने के बाद यह नई दर लागू होती है, तो बचे हुए लोन टेन्योर में प्रति लाख रुपये पर 3,002 रुपये की अतिरिक्त बचत होगी। इसका मतलब है कि 50 लाख रुपये के लोन पर दूसरे साल के लिए करीब 1.50 लाख रुपये की बचत हो सकती है।
टैक्स बचत का भी मिलेगा फायदा
ब्याज दर में कटौती से न सिर्फ EMI कम होगी, बल्कि होम लोन पर मिलने वाली इनकम टैक्स छूट के तहत भी फायदा मिलेगा। इस तरह, सैलरीपाने वाले व्यक्तियों के लिए यह राहत दोहरी होगी—एक तरफ EMI का बोझ कम होगा और दूसरी तरफ टैक्स बचत भी होगी।