Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 21 Feb, 2025 02:38 PM
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राजस्थान में एक विवादास्पद मामले ने फिर से सुर्खियाँ बटोरी हैं, जिसमें डिप्टी एसपी हीरालाल सैनी और महिला कांस्टेबल का अश्लील वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में उच्च न्यायालय ने अब नया मोड़ दिया है। कोर्ट ने डिप्टी एसपी की बहाली पर रोक लगाते हुए राज्य...
नेशनल डेस्क: राजस्थान में एक विवादास्पद मामले ने फिर से सुर्खियाँ बटोरी हैं, जिसमें डिप्टी एसपी हीरालाल सैनी और महिला कांस्टेबल का अश्लील वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में उच्च न्यायालय ने अब नया मोड़ दिया है। कोर्ट ने डिप्टी एसपी की बहाली पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले का ब्यौरा और इस फैसले के बाद की स्थिति के बारे में। यह घटना जुलाई 2021 की है, जब राजस्थान पुलिस के डिप्टी एसपी हीरालाल सैनी और एक महिला कांस्टेबल का अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में दिखाया गया था कि दोनों एक स्वीमिंग पूल में अश्लील हरकतें कर रहे थे, जिसमें महिला कांस्टेबल का 6 साल का बच्चा भी शामिल था और उसके साथ भी अश्लील हरकतें हो रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद राजस्थान पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामले दर्ज किए और उन्हें गिरफ्तार किया।
वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में गंभीरता से जांच शुरू की गई, और सरकार ने दोनों को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया। इस घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचाया, क्योंकि इसमें एक पुलिस अधिकारी और एक कांस्टेबल शामिल थे, जो समाज के सुरक्षा प्रहरी माने जाते थे।
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हाईकोर्ट का फैसला और विवाद
मामले को लेकर न्यायालय में सुनवाई जारी रही, और बाद में राजस्थान हाईकोर्ट की एकल बेंच ने डिप्टी एसपी हीरालाल सैनी को सरकारी सेवा में बहाल करने का आदेश दिया। हालांकि, राज्य सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील की, और अब उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है।
खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि सरकार को इस मामले में कार्रवाई का पूरा अधिकार है और वह चार्जशीट के आधार पर जांच कर सकती है। महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने अदालत में यह भी कहा कि एकलपीठ द्वारा दिए गए आदेश के बाद सरकार को "दो विरोधाभासी आदेश" नहीं दिए जा सकते। यानी एक ओर जहाँ राज्य सरकार ने इन दोनों को बर्खास्त किया था, वहीं एकलपीठ ने सैनी की बहाली का आदेश दे दिया था। ऐसे में खंडपीठ ने राज्य सरकार के अधिकारों की पुष्टि करते हुए इस आदेश पर रोक लगा दी है।
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राज्य सरकार का दृष्टिकोण
राज्य सरकार ने इस मामले में स्पष्ट रूप से अपनी स्थिति रखी है कि किसी भी व्यक्ति को शर्मनाक कृत्य के आधार पर दोषी ठहराया जा सकता है, और राज्य को उस पर उचित कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। सरकार ने यह भी कहा कि दोनों के खिलाफ मामला बहुत गंभीर है, और इस पर कोई भी नरमी नहीं बरती जा सकती।
क्या है इस फैसले का असर?
इस फैसले के बाद डिप्टी एसपी हीरालाल सैनी की सेवा में बहाली पर फिलहाल रोक लग गई है। अब राज्य सरकार को मामले की पूरी जांच करनी होगी और सैनी पर लागू चार्जशीट को आधार बनाकर आगे की कार्रवाई करनी होगी। इस मामले से यह साफ हो गया है कि सरकार के लिए अधिकारियों के द्वारा किए गए गड़बड़ियों पर कड़ी कार्रवाई करना एक बड़ी प्राथमिकता है, चाहे वह किसी भी उच्च पद पर क्यों न हो।
वहीं, महिला कांस्टेबल की स्थिति भी समान रूप से गंभीर है। क्योंकि आरोप में शामिल होने के बाद दोनों को सरकारी सेवा से बर्खास्त किया गया था और अब उनके खिलाफ भी न्यायिक प्रक्रिया चल रही है।