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बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास और उनके अनुयायियों के खिलाफ हुआ मामला दर्ज

Edited By Rahul Rana,Updated: 09 Dec, 2024 09:12 AM

case registered against chinmoy krishna das and his followers in bangladesh

चटगांव, बांग्लादेश में रविवार को पुलिस और हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास के अनुयायियों के बीच झड़प को लेकर मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को मुख्य आरोपी बनाया गया है और 164 पहचाने गए व्यक्तियों के अलावा 400 से 500...

नॅशनल डेस्क। चटगांव, बांग्लादेश में रविवार को पुलिस और हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास के अनुयायियों के बीच झड़प को लेकर मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को मुख्य आरोपी बनाया गया है और 164 पहचाने गए व्यक्तियों के अलावा 400 से 500 अज्ञात लोगों को भी आरोपी ठहराया गया है।

क्या था मामला?

यह शिकायत व्यापारी और हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश के कार्यकर्ता इनामुल हक ने चटगांव मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर की। हक ने अपनी शिकायत में कहा कि 26 नवंबर को जब वह न्यायालय में भूमि रजिस्ट्री का काम खत्म कर घर लौट रहे थे तो चिन्मय कृष्ण दास के अनुयायियों ने उन पर हमला कर दिया।

व्यवसायी ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके पंजाबी, कुर्ता और टोपी पहनने के कारण निशाना बनाया गया जिससे उनके दाहिने हाथ और सिर में चोटें आईं। हक ने बताया कि राहगीरों ने उन्हें बचाया और उन्हें चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।

शिकायत में क्या आरोप लगाए गए?

हक ने अपनी शिकायत में कहा कि 26 नवंबर को उन्हें चिन्मय कृष्ण दास के अनुयायियों ने अदालत परिसर में हमला किया। उनके दाहिने हाथ की हड्डी टूट गई और सिर में गंभीर चोटें आईं। इस घटना के बाद 164 लोगों के नाम शिकायत में शामिल किए गए हैं जिनमें प्रमुख रूप से चिन्मय कृष्ण दास को मुख्य आरोपी बनाया गया है।

इस घटना का पृष्ठभूमि:

यह घटना बांग्लादेश में हाल के समय में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे हमलों और विरोध प्रदर्शन से जुड़ी हुई है। 25 नवंबर को चिन्मय कृष्ण दास को ढाका हवाई अड्डे से देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। 26 नवंबर को जब भिक्षु को जमानत देने से इनकार किया गया तो चटगांव में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सहायक सरकारी अभियोजक सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या कर दी गई।

इसके बाद 27 नवंबर को पुलिस ने तीन मामले दर्ज किए जिनमें कई व्यक्तियों और सैकड़ों अज्ञात लोगों को आरोपित किया गया था। इन आरोपों में कानून व्यवस्था में खलल डालने और हमला करने की बात कही गई थी।

अब क्या हो रहा है?

3 दिसंबर को बांग्लादेश की एक अदालत ने चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई 2 जनवरी तक के लिए टाल दी। इस कारण उनका वकील पेश नहीं हुआ था।

यह घटना उस समय हुई जब बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ गए थे खासकर इस्कॉन बांग्लादेश के पूर्व सदस्य हिंदू भिक्षु की गिरफ्तारी के बाद। इससे भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध और भी तनावपूर्ण हो गए हैं।

बता दें कि यह मामला बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे हमलों और धार्मिक विवादों की ओर इशारा करता है। खासकर चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उनके समर्थकों के विरोध प्रदर्शन ने चटगांव में हिंसा को जन्म दिया जिससे कई लोग घायल हुए हैं और मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस अब इन घटनाओं की जांच कर रही है।

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