Edited By Rohini Oberoi,Updated: 23 Mar, 2025 12:49 PM

सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार रात एक रिपोर्ट सार्वजनिक की जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर बेहिसाब नकदी मिलने का खुलासा किया गया है। यह रिपोर्ट उस आंतरिक जांच के बाद जारी की गई है जिसे मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने शुरू किया था।...
नेशनल डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार रात एक रिपोर्ट सार्वजनिक की जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास पर बेहिसाब नकदी मिलने का खुलासा किया गया है। यह रिपोर्ट उस आंतरिक जांच के बाद जारी की गई है जिसे मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने शुरू किया था। रिपोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय को निर्देश दिया गया है कि वे न्यायमूर्ति वर्मा को कोई भी न्यायिक कार्य न सौंपें।
घटना का विवरण
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार 14 मार्च को होली की रात आग बुझाने के दौरान न्यायमूर्ति वर्मा के सरकारी आवास के एक स्टोररूम में जली हुई मुद्रा मिली थी। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने यह जानकारी दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को दी। रिपोर्ट के अनुसार स्टोररूम में अज्ञात स्रोतों से प्राप्त बेहिसाब नकदी जलने की स्थिति में पाई गई जिसके बाद यह मामला चर्चा का विषय बन गया।
न्यायमूर्ति वर्मा का स्पष्टीकरण
न्यायमूर्ति वर्मा ने इस घटना से अपने संबंध से इनकार किया है। उनका कहना है, "मैंने जब आखिरी बार वह जगह देखी थी तब वहां ऐसा कुछ नहीं था। यह मुझे बदनाम करने की साजिश लग रही है।" उन्होंने बताया कि आग उनके सरकारी आवास के कर्मचारी क्वार्टर के पास स्थित स्टोररूम में लगी थी। यह स्टोररूम घर के पुराने सामान रखने के लिए था और उनका मुख्य निवास उससे अलग था।
घटना के समय परिवार की स्थिति
14 मार्च को जब यह घटना हुई तब न्यायमूर्ति वर्मा और उनकी पत्नी मध्य प्रदेश में थे। घर में केवल उनकी बेटी और वृद्ध माता थीं। जैसे ही उन्होंने घटना की सूचना पाई उन्होंने अगले दिन दिल्ली लौटने की व्यवस्था की। आग लगने के समय उनके परिवार के सदस्य और कर्मचारी सभी सुरक्षित स्थानों पर थे।
नकदी की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं
न्यायमूर्ति वर्मा ने यह भी कहा कि उनका परिवार सभी वित्तीय लेन-देन बैंकिंग माध्यमों के जरिए करता है जैसे कि यूपीआई और कार्ड भुगतान। उन्होंने यह सवाल उठाया कि अगर इतनी बड़ी रकम वास्तव में मिली थी तो उसे उनके सामने क्यों नहीं रखा गया और क्यों आधिकारिक रूप से जब्त नहीं किया गया?
मामले पर चर्चा और आगे की जांच
न्यायमूर्ति वर्मा ने इस घटना को पूरी तरह से साजिश बताया और कहा कि जिस स्टोररूम में नकदी पाई गई वह उनके मुख्य निवास से अलग था। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायिक हलकों में चर्चा जारी है। अब यह देखना होगा कि आगे की जांच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और इस विवाद का क्या परिणाम होता है।