Edited By Rohini Oberoi,Updated: 21 Mar, 2025 10:26 AM

दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग लगने से हड़कंप मच गया। यह घटना तब और चौंका देने वाली हो गई जब फायर ब्रिगेड द्वारा आग पर काबू पाने के बाद जज के बंगले से बड़ी मात्रा में खजाना बरामद हुआ। इसके बाद कॉलेजियम की बैठक हुई और जज...
नेशनल डेस्क। दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग लगने से हड़कंप मच गया। यह घटना तब और चौंका देने वाली हो गई जब फायर ब्रिगेड द्वारा आग पर काबू पाने के बाद जज के बंगले से बड़ी मात्रा में खजाना बरामद हुआ। इसके बाद कॉलेजियम की बैठक हुई और जज यशवंत वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया गया। इस घटना ने न्यायपालिका में हलचल मचा दी है वहीं कुछ जज अब उनके इस्तीफे और मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।
आग पर काबू पाते ही मिली नगदी
रिपोर्ट्स के अनुसार जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग लग गई थी। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। बाद में जब पुलिस ने बंगले में नुकसान का जायजा लिया तो उन्हें एक कमरे में बड़ी मात्रा में नगदी मिली। पुलिस ने इस बारे में अधिकारियों को सूचित किया और इसके बाद रिकॉर्ड में इस कैश की जानकारी दर्ज की गई।
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कॉलेजियम की बैठक और ट्रांसफर का फैसला
इस घटना के बाद मामला सीजेआई (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) को बताया गया जिन्होंने इसे गंभीरता से लिया। इसके बाद इमरजेंसी कॉलेजियम की बैठक बुलाई गई जिसमें जज यशवंत वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट कर दिया गया। हालांकि कुछ जज इस ट्रांसफर को पर्याप्त कदम नहीं मानते हुए उनका इस्तीफा और मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस मामले में केवल ट्रांसफर से न्यायपालिका की छवि पर असर पड़ेगा इसलिए जज वर्मा को इस्तीफा देना चाहिए। अगर वे मना करते हैं तो सुप्रीम कोर्ट की 1999 में बनाई गई इन-हाउस प्रक्रिया के तहत उनके खिलाफ जांच शुरू की जानी चाहिए।
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घटना के वक्त बंगले पर नहीं थे जज वर्मा
बताया जाता है कि जिस वक्त जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले में आग लगी वे वहां मौजूद नहीं थे। इस बारे में उनके परिवारवालों ने फायर विभाग को सूचित किया था। फायरकर्मियों की टीम ने आग पर काबू पाया और नुकसान का जायजा लेते वक्त नगदी की बरामदगी हुई। इस घटना के बाद से यह मामला न्यायपालिका में सुर्खियों में बना हुआ है।