Edited By rajesh kumar,Updated: 06 Nov, 2024 08:34 PM
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जाति आधारित जनगणना की एक बार फिर वकालत करते हुए कहा कि देश में यह कवायद होकर रहेगी और इस प्रक्रिया से दलितों, अन्य पिछड़ा वर्गों और आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय का पता चलेगा।
नेशनल डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जाति आधारित जनगणना की एक बार फिर वकालत करते हुए कहा कि देश में यह कवायद होकर रहेगी और इस प्रक्रिया से दलितों, अन्य पिछड़ा वर्गों और आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना का वास्तविक अर्थ न्याय है और उनकी पार्टी 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा की ‘दीवार को भी तोड़ेगी'। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नागपुर में संविधान सम्मान सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और उन पर संविधान पर हमला करने और इस तरह ‘देश की आवाज' दबाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘जाति आधारित जनगणना सामान्य श्रेणी के लोगों, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और अन्य को न्याय देगी।'' राहुल गांधी ने कहा, ‘‘जाति जनगणना से सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। हर किसी को पता चल जाएगा कि उनके पास कितनी ताकत है और उनकी भूमिका क्या है।'' गांधी ने कहा, ‘‘हम 50 प्रतिशत (आरक्षण सीमा) की दीवार भी तोड़ देंगे।'' उन्होंने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है, उसी तरह जाति जनगणना विकास का प्रतिमान है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे स्पष्टता आएगी और नया प्रतिमान बनेगा। इसलिए भाजपा और आरएसएस इस बारे में चर्चा कर रहे हैं कि उन्हें क्या रुख अपनाना चाहिए तथा जाति जनगणना पर क्या कहना चाहिए।''
राहुल ने कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आप कुछ भी कर लें, जाति जनगणना होकर रहेगी। इस पर जो भी चर्चा करनी है कर लें या मीडिया में जो भी चल रहा है, भारत की जनता ने तय कर लिया है कि जाति जनगणना होकर रहेगी और 50 प्रतिशत की दीवार टूटेगी। और यह आवाज धीरे-धीरे बढ़ रही है। हमारा काम है कि हम लोगों को समझाएं कि जाति जनगणना से ही संविधान की रक्षा होगी।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब भी मैं जाति जनगणना की बात करता हूं, मोदी जी कहते हैं कि राहुल गांधी देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। हमें देश को बताना होगा कि हम देश के हाशिए पर पड़े 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे हैं।''
यह कार्यक्रम नागपुर के रेशमबाग इलाके में सुरेश भट्ट हॉल में आयोजित किया गया, जो आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के स्मारक डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर से सटा हुआ है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि संविधान समानता, एक व्यक्ति-एक वोट, सभी के लिए और हर धर्म, जाति, राज्य तथा भाषा के लिए सम्मान की बात करता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब आरएसएस और भाजपा के लोग संविधान पर हमला करते हैं तो वे केवल इस पुस्तक पर हमला नहीं करते, बल्कि वे देश की आवाज पर हमला कर रहे होते हैं।'' राहुल गांधी ने कहा कि देश में निर्वाचन आयोग जैसे अनेक संस्थान संविधान की भेंट हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राजाओं और राजकुमारों के समय निर्वाचन आयोग नहीं होता था।''
उन्होंने दावा किया, ‘‘अदाणी की कंपनी के प्रबंधन में आपको एक भी दलित, ओबीसी और आदिवासी नहीं मिलेगा।'' केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आप सिर्फ 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ करते हैं, लेकिन जब मैं किसानों की कर्ज माफी की बात करता हूं तो मुझ पर हमला किया जाता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकारी उच्च पदों, न्यायपालिका, कॉरपोरेट और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में दलितों, ओबीसी, आदिवासियों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। उन्होंने कहा कि आप वहां भारत के 90 प्रतिशत लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं पाएंगे।''